टाइग्रेस के बाद अब सामने आया तेंदुआ, बेहोश कर ले जाया गया टाइगर सफारी 

After the tigress, the leopard now appears, the tiger safari was taken unconscious
टाइग्रेस के बाद अब सामने आया तेंदुआ, बेहोश कर ले जाया गया टाइगर सफारी 
टाइग्रेस के बाद अब सामने आया तेंदुआ, बेहोश कर ले जाया गया टाइगर सफारी 

 डिजिटल डेस्क सतना। उचेहरा वन परिक्षेत्र के जिस धनिया गांव में अभी तक 2 शावकों के साथ एक टाइग्रेस का खौफ था, शुक्रवार की सुबह उसी इलाके में एक तेंदुए की धमाचौकड़ी ने सनसनी फैला दी। तेंदुआ हमलावर तो नहीं था लेकिन उसकी अप्रत्याशित हरकतें दिन भर सोशल मीडिया में छायी रहीं।  डीएफओ राजेश राय ने बताया कि उचेहरा-परसमिया रोड पर धनिया गांव के पास सड़क पर आए इस तेंदुए को लोकहित में नियंत्रित करने के लिए  व्हाइट टाइगर सफारी से रेस्क्यू टीम बुलाई गई। वाइल्ड लाइफ से अनुमति के बाद उसे ट्रैंक्युलाइज किया गया और पिंजरे में बंद करके मुकुंदपुर ले जाया गया। 
2 दिन रहेगा निगरानी में :----
डीएफओ ने बताया कि व्हाइट टाइगर सफारी में तेंदुए को 2 दिन तक विशेषज्ञों की निगरानी में रखा जाएगा। इस दौरान उसके गतिविधियों का अध्ययन किया जाएगा,अगर उसका व्यवहार वन्य प्राणियों की तरह सामान्य रहता है तो उसे पुन: जंगल में छोड़ दिया जाएगा। बताया गया है कि उचेहरा-परसमनिया रोड पर तेंदुए की निरंतर धमाचौकड़ी के मद्देनजर व्हाइट टाइगर सफारी के डायरेक्टर संजय राय खेरे के नेतृत्व में डा.राजेश तोमर समेत लगभग 8 सदस्यीय टीम को सुबह साढ़े 11 बजे मौके पर बुला लिया गया था,जब तेंदुए को बेहोश करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा तो वाइल्ड लाइफ से टैं्रक्युलाइज करने की अनुमति मांगी गई। अनुमति मिलने पर दोहपर डेढ़ बजे के करीब रेस्क्यू प्रारंभ किया गया।  
 फोरव्हीलर को देखते ही आ आता था रोड पर :-------
बताया गया है कि नर तेंदुआ सबसे पहले सुबह 6 बजे धनिया गांव में एक आदिवासी रामदास गोंड़ के घर में देखा गया। इस घर में दरवाजे नहीं हैं। गांव में शोर मचा तो तेंदुआ जंगल में गायब हो गया। थोड़ी देर बाद उसे वन बैरियर के पास उचेहरा-परसमयिा रोड पर एक नाले में चहलकदमी करते देखा गया। इसी बीच रास्ते से एक स्कार्पियो गुजरी तो वह गाड़ी के सामने आ गया। फिर एक पिछले टायर में खरोंच मारी और गाड़ी के नीचे घुस गया। थोड़ी देर में बाहर निकला और सड़क किनारे चला गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि इस बीच जब-जब कोई फोर व्हीलर गुजरी तेंदुआ सड़क पर प्रकट होने लगा। उसकी निगरानी में लगी वन अमले की टीम इस बात को लेकर हैरत में थी कि तेंदुए की ये गतिविधियां स्वाभाविक नहीं थीं। 
 मगर,दूसरे दिन नहीं दिखी टाइग्रेस :--------
इसी बीच डीएफओ राजेश राय ने शुक्रवार को इस बात की पुष्टि की कि 5 नवंबर को उचेहरा-परसमनिया रोड पर वन परिक्षेत्र के कंम्पार्टमेंट नंबर-417 में एक के बाद एक 3 बाइक सवारों पर हमला करने वाली टाइग्रेस और उसके दोनों शावक दूसरे दिन नहीं देखे गए। उल्लेखनीय है, इसी टाइग्रेस ने बाइक सवार वन रक्षक 
रामदयाल दुबे और इससे पहले एक दूध विक्रेता श्रवण यादव को गंभीर रुप से घायल कर दिया था। मौके से वन अमले ने इस बाघिन के पगमार्क भी उठाए थे। 
डीएफओ ने बताया कि साथ में 2 शावक होने के कारण उनकी सुरक्षा की दृष्टि से टाइग्रेस काफी डिस्टर्व थी और यही वजह रही कि रात में ही उसने अपना ठिकाना बदल दिया। उल्लेखनीय है, टाइग्रेस के मूवमेंट पर नजर रखने के लिए धनिया बीट में वन विभाग ने 4 प्वाइंट लगाए थे।
 

Created On :   7 Nov 2020 6:20 PM IST

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