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कौशल्य आधारित शिक्षा देने इंफोसिस के साथ हुआ करार, 40 लाख छात्रों और 1 लाख शिक्षकों को मिलेगा लाभ
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के महाविद्यालय के विद्यार्थियों को कौशल्य आधारित शिक्षा देने के लिए राज्य सरकार के उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग ने नामचीन आईटी कंपनी इंफोसिस के साथ सांमजस्य करार किया है। इससे राज्य के महाविद्यालयों में पढ़ने वाले 40 लाख विद्यार्थियों और 1 लाख प्राध्यापकों और शिक्षकेतर कर्मचारियों को मुफ्त में कौशल्य आधारित प्रशिक्षण मिल सकेगा। यह प्रशिक्षण पूरा करने वाले विद्यार्थियों को प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा। विद्यार्थी अपने नियमित पाठ्यक्रम के अलावा प्रशिक्षण कोर्स का लाभ ले सकेंगे।
मंगलवार को प्रदेश के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने यह जानकारी दी। सामंत ने बताया कि इस परियोजना को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में नागपुर स्थित कला, विज्ञान और वाणिज्य महाविद्यालय तथा रत्नागिरी के पॉलिटेक्निक महाविद्यालय में प्रत्यक्ष रूप से लागू किया जाएगा। दोनों महाविद्यालयों के लिए विशेष पाठ्यक्रम तैयार किए गए हैं। जिसके तहत विद्यार्थियों को प्रोजेक्ट इंटनशिप और व्यवसायिक कौशल्य बढ़ाने संबंधी प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे दोनों संस्थाओं के विद्यार्थियों को रोजगार के लिए सक्षम बनाने में मदद मिल सकेगी।
इंफोसिस 30 करोड़ रुपए करेगी खर्च
सामंत ने कहा कि विद्यार्थियों के प्रशिक्षण के लिए इंफोसिस कंपनी के साथ पांच साल के लिए करार हुआ है। इसके तहत विद्यार्थियों को प्रशिक्षण के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी प्रदान किए जाएंगे। इस परियोजना पर इंफोसिस कंपनी अपनी सीएसआर निधि से 30 करोड़ रुपए खर्च करेगी। विद्यार्थियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए राज्य सरकार का एक भी रुपया खर्च नहीं होगा। सामंत ने बताया कि जनवरी के पहले सप्ताह में सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की पुणे में कॉफ्रेंस बुलाई जाएगी। कुलपतियों को परियोजना के बारे में बताया जाएगा। कुलपतियों के जरिए इस परियोजना को महाविद्यालयों तक पहुंचाया जाएगा। इसके बाद विद्यार्थियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण देने की शुरुआत की जाएगी। शुरुआती दौर में प्रशिक्षण ऑनलाइन दिया जाएगा। बाद में ऑफलाइन भी प्रशिक्षण सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। सामंत ने बताया कि पुणे में टीचर्स अकादमी का निर्माण होगा। इस अकादमी में प्राध्यापकों के प्रशिक्षण के लिए इंफोसिस कंपनी की मदद ली जाएगी।
पहले चरण में 10 लाख विद्यार्थियों को मिलेगा प्रशिक्षण
सामंत ने बताया महाविद्यालयों के विद्यार्थियों को तीन चरणों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। पहले चरण में तकनीकी शिक्षा निदेशालय के अधीन 1600 महाविद्यालयों के 10 लाख विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद उच्च शिक्षा निदेशालय के 3 हजार महाविद्यालयों के 30 लाख विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा लगभग 1 लाख प्राध्यपकों और शिक्षकेतर कर्मचारियों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके अलावा इंफोसिस के मैसूर स्थित संस्थान में राज्य के प्रमुख प्राध्यापकों और अधिकारियों को मार्गदर्शन के लिए एक दिन का प्रशक्षिण दिया जाएगा।
प्रशिक्षण के लिए 3 हजार 900 कोर्स उपलब्ध
सामंत ने बताया कि इंफोसिस कंपनी विद्यार्थियों को प्रशिक्षण के लिए विभिन्न विषयों पर आधारित 3 हजार 900 से अधिक ऑनलाइन कोर्स तैयार किया है। यह सभी कोर्स इंफोसिस कंपनी के स्प्रिंग बोर्ड ऑनलाइन मंच पर उपलब्ध हैं। इस मंच पर उपलब्ध कोर्स विद्यार्थी वैकल्पिक विषय के रूप में पढ़ सकेंगे। सभी कोर्स विद्यार्थियों को निशुल्क और औपचारिक पाठ्यक्रम के साथ उपलब्ध कराया जाएगा। इस कोर्स में कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग भाषा, क्लाउड प्रौद्योगिकी, बिजनेस कम्यूनिकेशन, बिजनेस इंग्लिश, अर्थशास्त्र, लेखन, कौशल्य और नेतृत्व कौशल्य जैसे पाठ्यक्रमों का समावेश है। इंफोसिस के मंच पर अध्ययन से विद्यार्थियों को रोजगार के लिए आवश्यक व्यावसायिक कौशल्य विकसित करने में मदद मिल सकेगी। विद्यार्थी उन्नत प्रौद्योगिकी प्रोग्रामिंग भाषाएं, परियोजना प्रंबधन और बातचीत का कौशल्य सीख सकेंगे। औद्योगिक क्षेत्र के विशेषज्ञों के जरिए प्रशिक्षण मिलने से विद्यार्थियों को रोजगार हासिल करने में काफी मदद मिल सकेगी।
Created On :   30 Nov 2021 9:23 PM IST