एयरपोर्ट अथॉरिटी के पास इमारतों की ऊंचाई पर पाबंदी लगाने का अधिकार नहीं: हाईकोर्ट

Airport authority does not have authority to ban height of buildings: High court
एयरपोर्ट अथॉरिटी के पास इमारतों की ऊंचाई पर पाबंदी लगाने का अधिकार नहीं: हाईकोर्ट
एयरपोर्ट अथॉरिटी के पास इमारतों की ऊंचाई पर पाबंदी लगाने का अधिकार नहीं: हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण (एएआई) की अपीलेट कमेटी को झटका दिया है। हाईकोर्ट ने कमेटी के अप्रैल 2019 के उस निर्णय को रद्द कर दिया है जिसमें कहा गया था कि एयरपोर्ट सर्विलांस रडार के दो किमी के दायरे में आने वाली इमारतों को उचाई से जुड़ी पाबंदियों को मानना पड़ेगा। हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि कमेटी के पास ऐसी पाबंदी लगाने का अधिकार नहीं है। इसके साथ ही कमेटी के पास कोई प्रशासकीय व  नियम बनाने की शक्तियां भी नहीं है। यह कमेटी साल 2015 में बनी थी। न्यायमूर्ति एस जे कथावाला व न्यायमूर्ति बी पी कुलाबावाला की खंडपीठ ने कल्पतरु लिमिटेड, यूनाइटेड इंडस्ट्रियल हाउस प्रेमाइसेस को-आपरेटिव सोसायटी सहित अन्य लोगों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया है। याचिका में मुख्य से कमेटी के 23 अप्रैल 2019 के निर्णय को चुनौती दी गई थी। याचिका में दावा किया गया था कि कमेटी ने ऐसे नियमों के आधार पर इमारत की ऊंचाई घटाई है। जिसे अंतिम रुप नहीं दिया गया था। सुनवाई के दौरान कल्पतरु की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विराग तुलझापुरकर ने कहा कि कमेटी का इस मामले में दिया गया निर्णय अवैध है। क्योंकि यह निर्णय बगैर कानूनी अधिकार के दिया गया है। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने याचिका का विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। कमेटी ने सुरक्षा के लिहाज से निर्णय किया है। याचिकाकर्ता के पास दूसरे कानूनी विकल्प भी मौजूद हैं। खंडपीठ ने मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद कहा कि इस संबंध में कमेटी के पास निर्णय लेने का अधिकार नहीं है। खंडपीठ ने कहा उचाई के विषय में एएआई मौजूदा कानून व नियमों के तहत नए सिरे से चार सप्ताह के भीतर अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने पर विचार करे। 

विजय सिंह पुलिस हिरासत में मौत मामला- सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की मांग

वहीं पुलिस हिरासत में हुई युवक विजय सिंह की हत्या के मामले से जुड़ी याचिका पर सुनवाई  शीघ्रता से की जाए। इसको लेकर सिंह के परिजनों की ओर पैरवी कर रहे अधिवक्ता विनय नायर ने बॉम्बे हाईकोर्ट में आग्रह पत्र दायर किया है। गौरतलब है कि शुक्रवार को इस मामले में निलंबित पांच पुलिस कर्मियों की सेवा बहाल की गई हैं। अधिवक्ता नायर ने बताया कि हमने याचिका में मामले की जांच सीबीआई को सौपने की मांग की है। यह याचिका हमने काफी पहले दायर की थी। याचिका में हमने संदिग्ध भूमिका वाले पांच पुलिस कर्मियों के खिलाफ शीघ्रता से एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देने का आग्रह भी किया है। उन्होंने बताया कि अब तक सिंह की मौत को लेकर पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी नहीं पेश की गई हैं। हमें आशंका है कि पुलिस मामले से जुड़े सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकती हैं। याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हो सकती हैं। गौरतलब है कि पिछले साल वडाला टी टी पुलिस ने मामूली झगड़े के मामले में  सिंह को पकड़ा था। परिजनों ने आरोप लगाया था कि पुलिस हिरासत में पिटाई से उसकी मौत हो गई। पुलिस के मुताबिक सिंह की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी। घटना के कुछ समय बाद पुलिस निरीक्षक संदीप कदम, सहायक पुलिस निरीक्षक सलीम खान, कॉन्स्टेबल गंगाराम भाबल, धोडिबा चोले व पुलिस नाइक रमणीक चौरे को निलंबित कर दिया गया था और मामले की जांच मुंबई पुलिस की अपराध शाखा को सौप दी गई थी। 

Created On :   4 July 2020 4:53 PM IST

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