लचर हिंदी के चलते बाहर भाषण देने से बचते हैं अजित पवार, खुद को महाराष्ट्र तक ही देखना चाहते हैं सीमित

Ajit Pawar avoids giving speeches outside due to poor Hindi
लचर हिंदी के चलते बाहर भाषण देने से बचते हैं अजित पवार, खुद को महाराष्ट्र तक ही देखना चाहते हैं सीमित
राष्ट्रीय अधिवेशन लचर हिंदी के चलते बाहर भाषण देने से बचते हैं अजित पवार, खुद को महाराष्ट्र तक ही देखना चाहते हैं सीमित

डिजिटल डेस्क, अजीत कुमार, नई दिल्ली। रविवार को दिल्ली में संपन्न राकांपा के 8वें राष्ट्रीय अधिवेशन में महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार के भाषण नहीं देने और उनकी नाराजगी की खबर सुर्खियों में है। हालांकि पार्टी के सूत्र बताते हैं कि अजित के भाषण नहीं देने का प्रमुख कारण हिंदी में उनका हाथ तंग होना और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी कम सक्रियता दर्ज कराना था। राकांपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने ‘दैनिक भास्कर’ को बताया कि अजित दादा महाराष्ट्र से बाहर हुए अब तक के पार्टी अधिवेशनों में भाषण देने से हमेशा बचते रहे हैं। चाहे पटना का पार्टी अधिवेशन हो या बड़ोदरा का अधिवेशन, अजित पवार ने कभी भाषण नहीं दिया। दिल्ली में भी ऐसा तीसरी बार हुआ है, जब पूर्व उपमुख्यमंत्री ने राकांपा अधिवेशन को संबोधित नहीं किया है। उक्त नेता ने बताया कि इसकी प्रमुख वजह उनकी कमजोर हिंदी है। अजित मराठी में तो धारदार भाषण देते हैं, लेकिन हिंदी में भाषण देने में वे कतई सहज नहीं हैं।  

राष्ट्रीय स्तर की राजनीति करने से है परहेज

राकांपा के सूत्र बताते हैं कि पवार परिवार ने कामकाज की एक अलिखित प्रणाली बना रखी है कि महाराष्ट्र में पार्टी के मामले अजित पवार देखेंगे तो राष्ट्रीय स्तर पर यह जिम्मेदारी पार्टी सुप्रीमों शरद पवार की सांसद बेटी सुप्रिया सुले संभालेंगी। सियासी जानकार बताते हैं कि इसी अलिखित नियम के चलते महाराष्ट्र के बाहर होने वाली पार्टी बैठकों में अजित पवार उपस्थित तो रहते हैं, लेकिन वे भाषण देने से बचते हैं। उन्हें लगता है कि महाराष्ट्र के बाहर उनकी अति सक्रियता अनावश्यक विवाद पैदा करेगी।

दूसरे राज्यों के पार्टी नेताओं से नहीं मिलते

राकांपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि अजित दादा खुद को महाराष्ट्र तक ही सीमित रखना चाहते हैं। यही वजह है कि वे महाराष्ट्र के बाहर के पार्टी नेताओं और कार्यकर्त्ताओं को न तो बुलाते हैं और न ही उन्हें मिलने का समय देते हैं। इसका मकसद मीडिया में पवार परिवार में ‘अंदरूनी कलह’ की कहानी से बचना है। राकांपा के दिल्ली अधिवेशन में वक्ताओं की सूचि में आठवें नंबर पर अजित पवार का नाम शामिल था। मंच पर जूनियर पवार के साथ बैठे एक पार्टी नेता ने बताया कि दादा ने प्रफुल्ल पटेल को पहले ही बता दिया था कि वे भाषण नहीं देंगे। 
 

Created On :   12 Sept 2022 8:05 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story