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अजित पवार ने कहा - महाराष्ट्र के साथ हुआ अन्याय, पटोले बोले - जनता और किसानों को मिला कद्दू
डिजिटल डेस्क, मुंबई। उपमुख्यमंत्री तथा वित्त मंत्री अजित पवार ने केंद्र सरकार के साल 2022-23 के बजट में महाराष्ट्र के साथ अन्याय होने का आरोप लगाते हुए नाराजगी जताई है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि देश को टैक्स के रूप में सबसे अधिक राजस्व देने वाले महाराष्ट्र पर अन्याय की परंपरा को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बजट में भी कायम रखी है। बजट में महाराष्ट्र के हिस्से में क्या आया है। यह खोजने पर भी नहीं मिल पाया है। पहले के बजट की तरह अबकी बार का बजट भी ‘अर्थहीन’ है। उन्होंने बजट में महाराष्ट्र पर हुए अन्याय को दूर करने के लिए सर्वदलीय सांसदों को सीतारमण से मुलाकात करने का आह्वान किया है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने मौजूदा आर्थिक वर्ष में 2 लाख 20 हजार करोड़ का केंद्रीय जीएसटी वसूल किया है। इसमें से 48 हजार करोड़ रुपए महाराष्ट्र से वसूल किए गए हैं। केंद्रीय जीएसटी के बदले महाराष्ट्र को केवल साढ़े पांच करोड़ रुपए मिले हैं। निधि वितरण में हुए अन्याय का प्रतिबिंब इस बजट में स्पष्ट नजर आ रहा है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में महंगाई कम करने और रोजगार बढ़ाने के लिए कोई ठोस घोषणा नहीं की गई है। आवास योजना के लिए 48 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान बहुत कम है। उन्होंने कहा कि अहमदाबाद को गिफ्ट सिटी बनाने की परियोजना कितने साल तक शुरू रहेगी और कब खत्म होगी यह समझ के बाहर है।
क्रिप्टो करेंसी पर टैक्स से मुंबई को भारी नुकसान
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्ति के हस्तांतरण यानि क्रिप्टो करेंसी से देनलेन से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत टैक्स वसूलने का सबसे अधिक नुकसान देश की आर्थिक राजधानी मुंबई को होगा। उपमुख्यमंत्री ने बजट में राज्यों को अर्थव्योवस्था में समग्र प्रोत्सानहन के लिए 50 वर्ष के लिए ब्याोज मुक्तग ऋण प्रदान करने के प्रावधान का स्वागत किया है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी के लिए केंद्र सरकार से मिलने वाली नुकसान भरपाई को अगले पांच साल तक कायम रखने का आग्रह कई राज्यों ने किया था। लेकिन बजट में इस बारे में कोई घोषणा नहीं की गई है। उपमुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से महाराष्ट्र के जीएसटी का नुकसान भरपाई की राशि जल्द मिलने की उम्मीद जताई है।
ऊर्जा क्षेत्र के लिए घोर निराशादायक बजट - नितीन राऊत
प्रदेश के ऊर्जा मंत्री नितीन राऊत ने कहा कि बिजली क्षेत्र के लिए घोर निराश करने वाला बजट है। बजट में ऊर्जा क्षेत्र के लिए कोई ठोस घोषणा नहीं की गई है। इससे मोदी सरकार के ऊर्जा क्षेत्र का निजीकरण करने की मंशा साफ हो गई है। राऊत ने कहा कि देश में सौर ऊर्जा पैनल के निर्माण के लिए 19 हजार करोड़ रुपए का अनुदान देने की घोषणा की गई है। लेकिन इस योजना के लिए नियम और शर्ते कड़ी होने के चलते कोई निवेश के लिए तैयार नहीं होता है।
लघु उद्योगों की उम्मीद टूटी- सुभाष देसाई
प्रदेश के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने कहा कि कोरोना संकट के कारण देश भर के लघु उद्योगों का कर्ज काफी बढ़ गया है। बजट में लघु उद्योगों के कर्ज को बोझ को कम करने के लिए घोषणा करनी चाहिए था। लेकिन केंद्र सरकार ने लघु उद्योगों को राहत देने के लिए कोई ऐलान नहीं किया है। देसाई ने कहा कि मुंबई की 80-100 साल तक पुरानी इमारतों के लिए केंद्र सरकार ठोस योजना घोषित कर सकती है। लेकिन केंद्र सरकार के लिए मुंबई केवल सोने की अंडा देने वाली मुर्गी है।
बजट कम चुनावी घोषणा पत्र ज्यादा- आदित्य ठाकरे
प्रदेश के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने केंद्र सरकार के बजट को चुनावी घोषणा पत्र करार दिया है। उन्होंने कहा कि हमें बजट कम और घोषणा पत्र ज्यादा लग रहा है। आदित्य ने कहा कि बजट में इलेक्ट्रिक वाहन नीति के लिए कोई नया प्रावधान नहीं किया गया है। बजट में इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग व्यवस्था और बैटरी स्वैपिंग के साथ कनेक्टिविटी व्यवस्था की घोषणा की गई है। लेकिन यह दोनों व्यवस्था पहले से शुरू हैं। आदित्य ने कहा कि बजट में बड़ी-बड़ी घोषणाएं की गई हैं। लेकिन उन परियोजनाओं को कब पूरा किया जाएगा। इसका कोई समय निर्धारित नहीं किया गया है।
बजट में सामान्य जनता और किसानों को मिला कद्दू – नाना पटोले
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि बजट में सामान्य जनता और किसानों को कद्दू मिला है। जबकि ‘मित्रों’ के लिए सहूलियतों की खैरात बांटी गई है। पटोले ने कहा कि उद्योग क्षेत्र पर कॉरपोरेट टैक्स समेत कई प्रकार की रियायतों की बरसात की गई है। लेकिन आयकर सीमा में कोई बदलाव न करने से ईमानदारी से टैक्स भरने वाले लोगों को एक बार फिर से निराशा हाथ लगी है।
किसानों, गरीबों और समाज के हर तबके को न्याय देने वाला बजट- देवेंद्र फडणवीस
विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि केंद्र सरकार का साल 2022-23 का आम बजट किसानों, गरीबों, पिछड़े, युवाओं और समाज के सभी तबके को न्याय देने वाला है। आत्मनिर्भर और बलशाली भारत के भविष्य का बजट है। मंगलवार को गोवा में फडणवीस ने कहा कि बजट में फसलों के आकलन और भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल बनाने और कीटनाशकों के छिड़काव के लिए ड्रोन के इस्तेमाल से शाश्वत किसानी की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों के कर को 18.5 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत करने और सहकार समितियों के अधिभार की दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत करने का फैसला सराहनीय है। इससे सहकार क्षेत्र अब निजी क्षेत्र के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकेगा। फडणवीस ने कहा कि बजट में आधार भूत ढांचे के क्षेत्र में 7.50 लाख करोड़ रुपए के निवेश की घोषणा ऐतिहासिक फैसला है। इससे सड़क, रेलवे, वाटर वे, रोप-वे समेत प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना में बड़े पैमाने पर निवेश हो सकेगा। इससे नए रोजगार का भी सृजन होगा। फडणवीस ने कहा कि सूक्ष्म-लघु और मध्यम उद्योग केलिए 2 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इससे इस क्षेत्र में नए रोजगार पैदा हो सकेंगे। फडणवीस ने कहा कि डिजिटल लेनदेने, पोस्ट ऑफिस को डिजिटल बनाने जैसी घोषणा पथदर्शी है। जबकि प्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री तथा भाजपा विधायक सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि केंद्र सरकार के बजट में समग्र कल्याण का लक्ष्य रखा गया है।
नया टैक्स न लगाने आम आदमी को राहत
भाजपा सांसद मनोज कोटक ने कहा कि कोराना महामारी के चलते पूरी दुनिया की अर्थ व्यवस्था प्रभावित हुई है। आर्थिक चुनौतियों के बावजूद केंद्रीय वित्तमंत्री सीतारमण ने कोई नया टैक्स न लगा कर आम लोगों को राहत प्रदान की है।
पूरी नहीं हुई कपड़ा उद्योग की उम्मीद
भारत मर्चेंट्स चेम्बर के मंत्री निलेश वैश्य के अनुसार आम बजट में इंफ्रास्टेक्चर पर ज़ोर दिया गया है। आयकर की सीमा ना बढ़ाये जाने से मध्यम वर्ग को निराशा हाथ लगी। डिजिटल करेन्सी को जारी करना समय की माँग है। टीयूएफ (टेक्नालॉडी अपग्रेडेशन फंड) को लेकर भी कोई घोषणा नहीं की गयी। जिसकी कपड़ा उद्योग उम्मीद कर रहा था।
Created On :   1 Feb 2022 8:14 PM IST