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नक्सलियों तक पहुँची सीओडी की एके-४७ -सीओडी के पूर्व अरमोरर ने निकाली थी कलपुर्जों की खेप
पटना कोर्ट में दाखिल की गई चार्जशीट में एनआईए का खुलासा
डिजिटल डेस्क जबलपुर । सेंट्रल ऑर्डनेंस डिपो (सीओडी) से कलपुर्जों के रूप में निकाली गई राइफल बड़ी संख्या में नक्सलवादियों तक पहुँचाई गई। पटना की स्पेशल कोर्ट में दाखिल की गई चार्जशीट में राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी ने इस बात का खुलासा किया है। यह भी बताया गया है कि सीओडी से किस तरह पाट्र््स निकाले जाते हैं और फिर उन्हें मुंगेर (बिहार) में कैसे असेंबल किया जाता है। इस तस्करी में जबलपुर सीओडी का पूर्व आर्मोरर पुरुषोत्तम लाल रजक असेंब्लर का किरदार निभाया करता था।
बिहार में पकड़ाई फिर कुएँ से खेप निकली
मुंगेर जिले के जमालपुर थाने की पुलिस ने २९ जुलाई २०१८ को मिर्जापुर बरदह गाँव निवासी मोहम्मद इमरान आलम और शमशेर को भारी मात्रा में असला-बारूद के साथ पकड़ा था। आरोपियों के पास से ५ एके-४७ राइफल, ३० मैग्जीन, एके-४७ राइफल के ७ पिस्टन, ७ स्प्रिंग, ७ बॉडी कवर, ७ रीकॉइल स्प्रिंग, ७ ब्रिज ब्लॉक और अन्य पुर्जे बरामद किए गए थे। पूछताछ में पता चला था कि हथियार उन्हें स्टेशन पर पुरुषोत्तम लाल रजक और उसकी पत्नी चंद्रवती ने दिए। बाद में जबलपुर पुलिस ने उसके अधारताल स्थित घर से एके-४७ के पाट्््र्स जब्त किए थे।
ये है पूरा मामला
राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) ने पटना स्थित स्पेशल जज गुरविंदर सिंह मल्होत्रा की अदालत में २२ एके-४७ राइफल की बरामदगी मामले में १४ आरोपियों के खिलाफ चार्ज शीट दाखिल की है। जबलपुर सेंट्रल ऑर्डनेंस डिपो के स्टोर से ७० के लगभग रिजेक्टेड एके-४७ राइफल पाट्र््स के रूप में चोरी किए गए थे। पूर्व आर्मोरर पंचशील नगर निवासी पुरुषोत्तम लाल रजक अपने स्टोरी कीपर मित्र से एके-४७ के पाट्र््स लेकर उन्हें असेम्बल करता और बिहार के मुंगेर तक पहुँचाता था। वह २००८ में ही सीओडी से रिटायर हो गया था।
Created On :   5 Jun 2021 4:25 PM IST