जज्बे को सलाम: बदलाव के लिए घर से निकली बहादुर बेटी, साइकिल से करती है सफर

Akanksha Jain is going on cycling tour for Women Awareness
जज्बे को सलाम: बदलाव के लिए घर से निकली बहादुर बेटी, साइकिल से करती है सफर
जज्बे को सलाम: बदलाव के लिए घर से निकली बहादुर बेटी, साइकिल से करती है सफर

डिजिटल डेस्क, सतना। IT से IIT इंजीनियर आकांक्षा जैन में वीमेन अवेयरनेस के लिए गजब का जज्बा है। सोशल वर्किंग के सवाल पर उनमें जिद और जुनून भी बेमिसाल है। मसलन- वीमेन सेफ्टी- इम्पावरमेंट , गर्ल्स एजूकेशन...खासकर, कामकाजी श्रमिक और घरेलू महिलाओं के साथ हिंसा जैसे नाजुक मसले पर आकांक्षा बेहद संजीदा हैं। इनवायरमेंट प्रोटेक्शन के प्रति अधिकतम अवेयरनेस के उनके एक बड़े संकल्प का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वे इन दिनों अकेले दम साइकिल से मध्यप्रदेश के भ्रमण पर हैं। 10 दिन पहले राजधानी भोपाल से साइकिल के सफर पर निकलीं आकांक्षा जैन तकरीबन 750 किलोमीटर की यात्रा कर बुधवार को पन्ना के रास्ते यहां पहुंचीं। दैनिक भास्कर से खास बातचीत में आकांक्षा ने बताया कि रोज 70 से 75 किलोमीटर का सफर भी उनकी इस साइकिल यात्रा का लक्ष्य है।

इंजीनियर पिता की इकलौती संतान
होटल मैनेजमेंट में मास्टर आकांक्षा जैन मूलत: भोपाल से हैं। वहां उनका अपना एक होटल भी है। पिता एसके जैन रायगढ़ आरईएस में एसडीओ हैं और मां हाउस वाइफ हैं। अपनी साइकिल यात्रा के दौरान आकांक्षा श्रमिक और घरेलू महिलाओं के साथ-साथ स्कूल और कॉलेज की छात्राओं के बीच भी जाती हैं। इस दौरान महिला और घरेलू हिंसा, सेफ्टी-एजूकेशन ,इम्पावरमेंट और इनवायरमेंट पर अवेयरनेस उनके खास मुद्दे होते हैं। एक अकेले दम पर आकांक्षा ने साइकिल यात्रा की शुरुआत 17 सितंबर को की थी। भोपाल से सांची, बीना, चंदेरी, ओरछा,खजुराहो और पन्ना होते हुए वो बुधवार को यहां पहुंचीं। उनकी आगे की राह रीवा के रास्ते कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर और इटारसी होते हुए भोपाल है।

अब भारत भ्रमण का इरादा
अपनी दम पर साइकिल से मध्यप्रदेश के भ्रमण पर निकलीं इंजीनियर आकांक्षा जैन के अपने निजी अनुभव मिश्रित हैं। ज्यादातर जगहों पर उन्हें सम्मान मिला तो कुछेक जगहों पर शोहदों ने हूटिंग भी की। उन्होंने बताया कि वो हर हालात से निपटने में जहां स्वयं में सक्षम हैं,वहीं हर कदम पर उनके साथ पुलिस का भी पुख्ता सपोर्ट है। एमपी पीएससी में सेलेक्ट होने के बाद इंटरव्यू छोड़ चुकीं आकांक्षा जैन कुछ समय तक एल एंड टी में जॉब भी कर चुकी हैं। मगर वहां दिल नहीं लगा। उन्होंने बताया कि अपने तय लक्ष्यों के साथ वो अभी साइकिल से भारत भ्रमण का इरादा रखती हैं। उनका मानना है कि भारत भ्रमण की ये यात्रा लगभग 15 हजार किलोमीटर की होगी। 1500 किलोमीटर की एमपी भ्रमण की मौजूदा यात्रा तो महज शुरुआत है।

Created On :   28 Sep 2017 12:37 PM GMT

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