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10 लाख रुपए जमा करते ही मिष्ठान्न क्लस्टर के लिए हो जाएगा जमीन का आवंटन
केंद्र की स्वीकृति मिलते ही उद्योग विभाग ने जारी किया पत्र, रिछाई की सवा दो एकड़ जमीन में होगा कारोबार
डिजिटल डेस्क जबलपुर । शहर में मिष्ठान्न क्लस्टर के लिए केंद्र सरकार की अनुमति मिलने और उद्योग विभाग से जमीन आवंटन की प्रकिया प्रारंभ होते ही 18 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट के पूरा होने पर अब कोई संशय नहीं रह गया है।
इस प्रोजेक्ट का सपना देख रहे लोगों ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि जिला उद्योग विभाग द्वारा पत्र जारी कर राशि जमा करने कहा गया है। 10 लाख रुपए की राशि जमा होते ही रिछाई की करीब सवा दो एकड़ भूमि का आवंटन भी हो जाएगा और जल्द काम शुरू हो सकेगा। पिछले 10 वर्षों से मिष्ठान्न क्लस्टर को लेकर कवायद की जा रही है मगर बीच में किसी न किसी बात का रोड़ा आता ही रहा है। बहरहाल अब उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही यहां कामकाज शुरू हो सकेगा।
2 एकड़ की जमीन पर 200 हितग्राहियों को मिले जगह
पिछले दिनों प्रदेश सरकार द्वारा केंद्र के समक्ष अंतिम स्वीकृति के लिए प्रस्ताव भेजने के बाद यह तो स्पष्ट हो गया था कि जल्द ही इसे स्वीकृति मिल जाएगी और आखिरकार विगत दिवस इसे केंद्र सरकार की हरी झंडी मिल गई। सवा दो एकड़ की जमीन का आवंटन होते ही, इसमें करीब 200 हितग्राहियों को जगह दी जाएगी।
3 से दो एकड़ में सिमटी जमीन
मिष्ठान्न व नमकीन क्लस्टर के लिए पूर्व में 3 एकड़ भूमि की स्वीकृति मिली थी, मगर जिस तरह प्रस्ताव अटकता रहा जमीन का दायरा भी सिमट कर अब सवा दो एकड़ ही रह गया है।
डीपीआर में उल्लेखित बिंदु
* 18 करोड़ रुपए का है पूरा प्रोजेक्ट।
* 3 करोड़ से होगा बिल्डिंग निर्माण।
* 4 करोड़ रुपए होंगे मशीनरी में खर्च।
इन्हें मिली नाकामी
फूड पार्क की जमीन हो गई हस्तांतरित - जबलपुर के ग्राम खैरी में करीब सौ एकड़ भूमि पर मंडी बोर्ड द्वारा फूड पार्क की स्थापना का प्रस्ताव था, किंतु यह योजना एक अवधि के बाद बंद हो गई, उक्त भूमि जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र को हस्तांतरित हो गई। जबलपुर खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में अग्रणी होने के करण यहाँ इस पार्क की आवश्यकता जताई जा रही है।
समस्याओं से घिरा उमरिया-डुंगरिया - औद्योगिक क्षेत्र उमरिया-डुंगरिया आज भी विकासशील होने की राह देख रहा है। यहाँ इकाई लगाने वाले अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहे हैं। यहाँ बिजली और पानी की समस्या के चलते यह क्षेत्र गति नहीं पकड़ पा रहा है।
देरी से तस्वीर ही बदल गई - रेडीमेड गारमेंट्स कॉम्प्लेक्स की नाकामी के पीछे ये कारण गिनाए जा रहे हैं कि यह योजना 25 साल पहले बनी थी। अब इसका कार्य प्रारंभ किया जा रहा है। देरी होने से इसकी तस्वीर ही बदल गई है। दो सौ यूनिट का आवंटन होने के बाद भी मात्र 45 लोगों ने दुकानें खोली हैं। यहाँ लगीं मशीनें भी उद्घाटन का इंतजार कर रही हैं।
Created On :   20 Jan 2021 2:56 PM IST