उद्धव के लिए फायदेमंद हो सकता है आंबेडकर का साथ, बीते विधानसभा चुनाव में वीबीए को मिले थे 5.5 फीसदी वोट

उद्धव के लिए फायदेमंद हो सकता है आंबेडकर का साथ, बीते विधानसभा चुनाव में वीबीए को मिले थे 5.5 फीसदी वोट
नए साथी की तलाश पूरी उद्धव के लिए फायदेमंद हो सकता है आंबेडकर का साथ, बीते विधानसभा चुनाव में वीबीए को मिले थे 5.5 फीसदी वोट

डिजिटल डेस्क, मुंबई, अमित कुमार, मुंबई।  शिवसेना में हुए विद्रोह के लगभग पांच महीने बाद पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने गठजोड़ के लिए नए साथी की तलाश पूरी कर ली है। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और पूर्व सांसद प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व वाली वंचित बहुजन आघाडी (वीबीए) के बीच गठबंधन तय माना जा रहा है। उद्धव और आंबेडकर के बीच एक दौर की बैठक हो चुकी है। वीबीए के साथ आने से शिवसेना को दलित और मुस्लिम समाज के वोटों का फायदा हो सकता है।वीबीए ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में 6.98 प्रतिशत और साल 2019 के विधानसभा चुनाव में 5.5 प्रतिशत वोट हासिल किए थे। जिसमें दलित और मुस्लिम समाज ने बड़े पैमाने पर वीबीए को वोट किया था। इससे समझा जा रहा है कि वंचित बहुजन आघाड़ी के साथ आने से शिवसेना के वोटों में इजाफा हो सकता है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में वीबीए के 47 सीटों में से 45 सीटों पर जमानत जब्त हो गई थी। मगर पार्टी ने 37 लाख 43 हजार 560 वोट हासिल किए थे।

10 सीटों पर कांग्रेस-राकांपा को मिली थी हार 

वीबीए के उम्मीदवारों ने कांग्रेस और राकांपा को लगभग 10 सीटों से अधिक नुकसान पहुंचाया था। वीबीए के चलते कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को नांदेड़ और पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे को सोलापुर सीट से लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद हुए साल 2019 के विधानसभा चुनाव में वीबीए के 236 में से 222 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी। हालांकि इस चुनाव में वीबीए को 25 लाख 18 हजार 749 वोट मिले थे। शिवसेना के विधायकों की बगावत के चलते उद्धव को मराठवाड़ा और विदर्भ में झटका लगा है। विदर्भ और मराठवाड़ा में आंबेडकर की दलित समाज के वोटों पर पकड़ मानी चाहती है। वीबीए के सहयोग से शिवसेना को दोनों अंचलों में फायदा मिल सकता है।

कांग्रेस-राकांपा की मंजूरी होगी जरुरी 

शिवसेना फिलहाल महाविकास आघाड़ी की घटक दल है। जिसमें कांग्रेस और राकांपा भी शामिल है। कांग्रेस और राकांपा वीबीए को महाविकास आघाड़ी में शामिल करने को लेकर सकारात्मक हैं। आने वाले दिनों में वीबीए के महाविकास आघाड़ी में शामिल होने की घोषणा हो सकती है। इसके पहले आंबेडकर की कांग्रेस-राकांपा के साथ गठबंधन पर बात नहीं बन सकी थी। 

Created On :   7 Dec 2022 9:51 PM IST

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