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किशोर न्याय अधिनियम बिल 2021 में संशोधन का बच्चों पर विनाशकारी प्रभाव पड़ेगा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम बिल 2021 को लेकर एक बार फिर चिंता जाहीर करते हुए इसे बेटियों के खिलाफ बताया है। उन्होंने केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि किशोर न्याय अधिनियम बिल में किए गए संशोधन का बच्चों पर विनाशकारी प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि संशोधन बच्चों के खिलाफ गंभीर अपराधों को गैर-संज्ञेय के रुप में वर्गीकृत करता है। उन्होंने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार एक ओर बेटी बचाओ, बेटी पढाओ की बात करती है, वहीं दूसरी तरफ किशोर न्याय में एक संशोधन भी लाती है, जो यह सुनिश्चित करती है कि न्यायिक मजिस्ट्रेट की विशेष अनुमति के बगैर बच्चों के खिलाफ गंभीर अपराधों में कोई प्राथमिकी दर्ज न हो। चतुर्वेदी ने इसे बच्चों पर विनाशकारी प्रभाव डालने वाला बताते हुए कहा कि अधिनियम का नया संशोधन उन अपराधियों को बचाता है जो बच्चों को भीख मांगने, श्रम करने और ड्रग्स की तस्करी के लिए काम पर रखते हैं और उनका शोषण करते हैं। दुर्भाग्य से हाल के संशोधन के कारण इनमें से कोई भी गंभीर अपराध अब प्राथमिकी पंजीकरण और स्वत: जांच का पात्र नहीं बन पायेगा। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से इसमें सुधार की गुहार लगाते हुए लिखा है कि बच्चों के खिलाफ अपराध को कम करना बेहद महत्वपूर्ण है, लेकिन केवल एफआईआर दर्ज करके अपराध के आंकडों को कम करना उल्टा साबित होगा और यह संविधान और बच्चों के साथ घोर अन्याय है। लिहाजा आग्रह है कि इस संशोधन पर विचार करके इसे फिर संशोधित कर गंभीर अपराधों की संज्ञेय स्थिति को बहाल किया जाए।
Created On :   20 Feb 2022 2:47 PM IST