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जेल की लाईब्रेरी के लिए किताबें खरीदने पर खर्च की जाए जुर्माने की राशि
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि अदालत का समय नष्ट करने के लिए दो मामले में लगाए गए जुर्माने की रकम का इस्तेमाल नई मुंबई की तलोजा जेल की लाइब्रेरी की स्थिति को सुधारने के लिए खर्च की जाए। हाल ही में भीमा-कोरेगांव एल्गार परिषद मामले के आरोपी गौतम नवलखा को उनके घर से भेजी गई अंग्रेजी लेखर पीजी वोड हाउस की एक हास्य आधारित किताब को नई मुंबई जेल प्रशासन ने सुरक्षा के लिए खतरा बताकर देने से मना कर दिया था। जिसे कोर्ट ने हास्यस्पद बताया था।
इससे पहले गुरुवार को दो सिविल मामलों में आधारहीन आवेदन दायर कर अदालत का समय नष्ट करने के लिए न्यायमूर्ति एसबी सुक्रे व न्यायमूर्ति जीए सानप की खंडपीठ ने पक्षकारों पर पांच हजार व दस हजार रुपए का जुर्माना लगाया। खंडपीठ ने सरकारी वकील से कहा कि इस रकम का इस्तेमाल तलोजा जेल की लाईब्रेरी के लिए किताबों को खरीदने के लिए किया जाए। इस पर सरकारी वकील संगीता शिंदे ने कहा कि वे कोर्ट की इस भावना को महाराष्ट्र जेल प्रशासन तक पहुंचाएगी।
पिछली सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने कहा था कि आरोपी नवलखा को पीजी वोडहाउस की हास्य आधारित जो किताब भेजी गई थी क्या वे तलोजा जेल की लाइब्रेरी में है। इस पर सरकारी वकील ने कहा कि इस लेखक की किताब नहीं है। सरकारी वकील के इस जवाब पर खंडपीठ ने कहा कि क्या जेल से हास्य गायब हो गया है। खंडपीठ के मुताबिक यदि जेल में पर्याप्त किताबे उपलब्ध नहीं हैं तो कोर्ट व वकीलों के संगठन (बार) को इस दिशा में कदम उठाना चाहिए। कैदियों में सुधार के लिए किताबे जरुरी हैं। इस दौरान कोर्ट को बताया गया कि जेल में 2815 किताबे हैं। जिसमें कुछ आध्यात्मिक किताबों का समावेश है। कुछ किताबे उर्दू में भी है। सभी कैदी किताबे नहीं पढते हैं।
Created On :   7 April 2022 8:27 PM IST