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झोलाछाप डॉक्टर ने लगाया गलत इंजेक्शन, मासूम की गई जान

डिजिटल डेस्क, सतना। सतना के डेगरहट में 4 वर्षीय मासूम की एक झोलाछाप डॉक्टर ने जिंदगी छीन ली। दरअसल मृतक को बुखार आने पर उसके पिता विपिन आदिवासी उसे रामपुर बाजार में एक झोलाछाप डॉक्टर के पास ले गए, जहां उसक पुत्र को गलत इंजेक्शन दे दिया, जिसके कारण 4 वर्ष के मासूम की मौत हो गई। अस्पताल को सीज कर दिया गया है।
नहीं थे किसी प्रकार के दस्तावेज
झोलाझाप डॉक्टर के गलत इंजेक्शन से मासूम की मौत के मामले में झोलाछाप डॉक्टर की क्लीनिक सीज कर दी गई। ज्वाइंट डायरेक्टर डा. एसके सालम और सीएमएचओ डा. अशोक अवधिया के निर्देश पर बीएमओ रामपुर डा. आरके सतनामी ने थाना प्रभारी राजेन्द्र मिश्रा की मौजूदगी में शुक्रवार को सुबह साढ़े 10 बजे क्लीनिक सीज कर दी। क्लीनिक सीज करने पहुंचे दल ने चिकित्सा से जुड़े दस्तावेजों की जांच की। डा. आरके सतनामी ने बताया कि मनदीप क्लीनिक के संचालक के पास कोई दस्तावेज नहीं मिले।
पूरे शरीर में आ गए थे फोले
उल्लेखनीय है कि रामपुर थाना क्षेत्र के डेगरहट निवासी विपिन आदिवासी के 4 साल के बेटे प्रिंस कई दिनों से बुखार से पीड़ित था। जिसके बाद परिजन 23 सितंबर को प्रिंस को लेकर रामपुर कस्बे में बाजार रोड के पास संचालित डा. पवन बंगाली के पास पहुंचे थे। झोलाछाप डॉक्टर ने इंजेक्शन लगाकर प्रिंस को दूसरे दिन बुलाया था। दूसरे दिन परिजन इलाज कराने आते, इससे पहले प्रिंस के शरीर में फोले आ गए थे। घबराए परिजन 24 सितंबर को दोबारा मनदीप क्लीनिक पहुंचे। तब फर्जी डॉक्टर ने एक और इंजेक्शन लगा दिया था। इस बीच प्रिंस की हालत और गंभीर हो गई।
भगा दिया था फ र्जी डॉक्टर
बंगाली डॉक्टर ने प्रिंस को सरकारी अस्पताल में दिखाने की सलाह देकर क्लीनिक से भगा दिया था। परिजन तत्काल प्रिंस को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे थे, जहां डा. आरके सतनामी ने देखते ही मृत घोषित कर दिया था। इसके बाद परिजन ने रामपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। जब तक पुलिस पहुंचती झोलाछाप डॉक्टर क्लीनिक बंद कर गायब हो गया था। घटनाक्रम के लगभग 1 महीने बाद से क्लीनिक फिर खुलने लगी थी।
Created On :   4 Jan 2019 9:25 PM IST