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दैनिक भास्कर हिंदी: ऑनलाइन काम नहीं तो मानधन नहीं, आंगनवाड़ी सेविकाएं संकट में

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महिला व बाल विकास विभाग ने कामकाज ऑनलाइन करने के लिए आंगणवाडी सेविकाओं को स्मार्ट फोन दिए। 3 से 7 दिन तक ऑनलाइन प्रक्रिया किस तरह की जाए, इसका प्रशिक्षण दिया और 1 जुलाई से सारी जानकारी ऑनलाइन अपलोड करने के आदेश जारी किए। अधिकांश सेविकाओं की आयु 50 साल से ज्यादा है और 10 रजिस्टर की जानकारी आनलाइन भरने में इन्हें परेशानी हो रही है। ऑनलाइन काम नहीं किया तो मानधन नहीं देने की चेतावनी देने से सेविकाएं पशोपेश में पड़ गई है। अधिकारियों की चेतावनी से कई बुजुर्ग सेविकाएं बीमार पड़ गई है।
नागपुर शहर में बाल विकास प्रकल्प अधिकारी के 6 कार्यालय है और इसके तहत 933 आंगणवाडियां चल रही है। आंगणवाडी में 3 से 6 साल तक के बच्चों को क, ख, ग सिखाया जाता है, तो गर्भवती माताओं को प्रोटीनयुक्त गोलियां दी जाती है। इसके अलावा किशोरवयीन लड़कियों को भी विशेष आहार दिया जाता है। सेविकाओं की सेवानिवृत्ती आयु 65 वर्ष है और वर्तमान में 50 फीसदी से ज्यादा सेविकाएं 50 साल से ज्यादा आयु की है। महिला व बाल विकास विभाग ने आंगणवाडी सेविकाओं को स्मार्ट बनाने का निर्णय लेने के बाद मई के अंत में सभी सेविकाओं को स्मार्ट फोन दिए गए। सेविकाओं को 3 से 7 दिन तक ट्रेनिंग दिया गया। मोबाइल में एप्प डाउनलोड किया गयाऔर इसमें ही 10 रजिस्टर का लेखाजोखा आनलाइन भरना है। 1 जुलाई से आनलाइन प्रक्रिया शुरू कर दी गई। ऑनलाइन डाटा नहीं भेजनेवाली सेविकाओं का मानधन काटने की चेतावनी देने से सेविकाओं में हड़कंप मच गया है।
ये रजिस्टर भरने हैं आनलाइन
परिवार प्रबंधन रजिस्टर, पालन पोषण रजिस्टर, वृध्दि (आयु व वजन) रजिस्टर, गृह भेंट, अपेक्षित काम की सूची, आंगणवाडी प्रबंधन, किशोरवयीन लडकियों का डाटा, टेक होम राशन (टीएचआर) वितरण, एमपीआर (मासिक प्रगति रिपोर्ट) व सीबीई प्रोग्राम रजिस्टर है। ये सारी जानकारी स्मार्ट फोन के जरिए हर दिन ऑनलाइन भेजनी है।
थकती आयु में आनलाइन प्रोसेस व चेतावनी से पड़ रहे बीमार
कई सेविकाओं की आयु 55 व 60 साल है। उम्र के इस पड़ाव में आनलाइन प्रोसेस इन्हें भारी पड़ रही है। साथ ही 3 से 7 दिन में ऑनलाइन प्रोसेस समझने व उस पर अमल करना मुश्किल हो रहा है। आनलाइन प्रोसेस के दबाव के साथ ही अधिकारियों की चेतावनी से 55 व 60 साल की सेविकाएं बीमार पड़ रही है।
एक माह की मोहलत दे नहीं तो आंदोलन
थकती आयु में स्मार्ट फोन चलाने में परेशानी होती है। केवल 3 से 7 दिन में 10 रजिस्टर का डाटा अलग-अलग माड्युल में हर दिन आनलाइन भेजना मुश्किल है। सेविकाओं को और कुछ दिन ट्रेनिंग मिलना चाहिए। इसके अलावा आनलाइन कामकाग के लिए सेविकाओं को एक महीने का समय मिलना चाहिए। सेविकाएं बीमार पड़ रही है। एक माह की मोहलत नहीं मिली तो पाटणकर चौक स्थित उपायुक्त कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया जाएगा। -मधुकर भरणे, जिलाध्यक्ष, आंगणवाडी कर्मचारी संगठन (सीटू) नागपुर.
प्रस्ताव आया तो फिर से प्रशिक्षण देने पर हो सकता हैं विचार
ऑनलाइन कामकाज में दिक्कत आ रही है, तो सेविकाओं ने तत्संबंधी प्रस्ताव देना चाहिए। सेविकाओं के इस प्रस्ताव को एकात्मिक बाल विकास सेवायोजना आयुक्त के पास भेजा जाएगा। सेविकाओं को फिर से ट्रेनिंग देने की गुजारिश शासन से की जाएगी। साथ ही ऑनलाइन कामकाज समझने के लिए और कुछ दिनों की मोहलत देने पर विचार किया जाएगा। तनाव में काम नहीं होना चाहिए। -एम. बोरखेडे, उपायुक्त, एकात्मिक बाल विकास विभाग नागपुर.
भोपाल: स्कोप कॉलेज में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ने अपने छात्र -छात्राओं के भविष्य को संवारने के लिये भारत के आटोमोबाइल क्षेत्र में अग्रणी कम्पनी हीरो मोटोकार्प के साथ एक करार किया जिसमें ऑटोमोबाइल क्षेत्र में स्किल डेवलपमेंट के लिये एक विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना संस्था के प्रांगण में की गई है। ये अपने आप में एक अद्वतीय पहल है तथा सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। इसमें सभी नवीनतम कम्प्यूटराइज्ड मशीन के द्वारा टू-व्हीलर ऑटोमोबाइल कार्यशाला प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस वर्कशाप में उद्घाटन के अवसर पर कम्पनी के जनरल मैनेजर सर्विसेज श्री राकेश नागपाल, श्री मनीष मिश्रा जोनल सर्विस हेड - सेंट्रल जोन, श्री देवकुमार दास गुप्ता - डी जी एम सर्विस, एरिया मैनेजर श्री राम सभी उपस्थिति थे। साथ ही संस्था के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. अजय भूषण, डॉ. देवेंद्र सिंह, डॉ. मोनिका सिंह, अभिषेक गुप्ता आदि उपस्थित थे। संस्था के सभी शिक्षकगण तथा छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना से की गई , डॉ. मोनिका सिंह ने अतिथियों का संक्षिप्त परिचय दिया। डॉ. अजय भूषण ने सभी का स्वागत किया और बताया कि आने वाला समय कौशल विकास आधारित शिक्षा का है। कर्यक्रम में आईसेक्ट ग्रुप के कौशल विकास के नेशनल हेड अभिषेक गुप्ता ने ग्रुप के बारे मे विस्तार से बताया कि किस तरह हमेशा से आईसेक्ट ग्रुप ने कौशल विकास को हमेशा प्राथमिकता से लिया है। कार्यक्रम में एएसडीसी के सीईओ श्री अरिंदम लहिरी ऑनलाइन आकर सभी को बधाई दी तथा छात्र - छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य के लिये शुभाषीस भी दी।
कार्यक्रम में डॉ. देवेंद्र सिंह ने बताया कि कौशल विकास आधारित शिक्षा सनातन काल से भारतवर्ष में चली आ रही है मध्यकालीन समय में कौशल विकास पर ध्यान नही दिया गया परंतु आज के तेजी से बदलते हुए परिवेश में विश्व भर में इसकी आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसी आवश्यकता को देखते हुये स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में कुछ ही समय में विभिन्न क्षेत्रों के सात सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है जो की विभिन्न क्षेत्रों मे छात्र- छात्राओं के कौशाल विकास मे महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।
भोपाल: सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों की बुलेट यात्रा का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में हुआ आगमन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। इंडिया गेट से जगदलपुर के लिए 1848 किमी की लंबी बुलेट यात्रा पर निकलीं सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने विश्वविद्यालय परिसर में आगमन पर भव्य स्वागत किया। लगभग 300 स्वयंसेवकों तथा स्टाफ सदस्यों ने गुलाब की पंखुड़ियों से पुष्प वर्षा करते हुए स्वागत किया। वहीं उनके स्वागत में एन एस एस की करतल ध्वनि से पूरा विश्वविद्यालय परिसर गुंजायमान हो उठा। इस ऐतिहासिक बाइक रैली में शामिल सभी सैन्यकर्मियों का स्वागत विश्वविद्यालय के डीन ऑफ एकेडमिक डॉ संजीव गुप्ता, डिप्टी रजिस्ट्रार श्री ऋत्विक चौबे, कार्यक्रम अधिकारी श्री गब्बर सिंह व डॉ रेखा गुप्ता तथा एएनओ श्री मनोज ने विश्वविद्यालय की तरफ से उपहार व स्मृतिचिन्ह भेंट कर किया। कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए डिप्टी कमांडेंट श्री रवीन्द्र धारीवाल व यात्रा प्रभारी श्री उमाकांत ने विश्वविद्यालय परिवार का आभार किया। इस अवसर पर लगभग 200 छात्र छात्राएं, स्वयंसेवक व एनसीसी कैडेट्स समस्त स्टाफ के साथ स्वागत में रहे मौजूद।