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कैमरे लगाने में हो रही देरी से नाराज हाईकोर्ट ने कहा- ठेकेदार हाजिर हो
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य के पुलिस स्टेशनों में सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए चयनित दो ठेकेदारों को कोर्ट में उपस्थित होकर पुलिस स्टेशनों में कैमरा लगाने में हो रहे विलंब के सिलसिले में स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है। पुणे व बेगलूरु के दो ठेकेदारों को सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम दिया गया है। सीटीटीवी कैमरे के लिए 60 करोड़ रुपए आवंटित किए गए है। इसमे से 23 करोड़ रुपए ठेकेदारों को दिए जा चुके है। सोमवार को न्यायमूर्ति एस जे काथावाला व न्यायमूर्ति मिलिंद जाधव की खंडपीठ के सामने इस मामले की सुनवाई हुई। खंडपीठ ने मामले से जुड़े दस्तावेजों पर गौर करने के बाद कहा कि अगस्त 2021 में दोनों ठेकेदारों को सीसीटीवी कैमरा लगाने का ठेका दिया गया था। ठेका मिलने के 22 महीने के भीतर काम को पूरा करना था। लेकिन दोनों ठेकादार अब तक कैमरे लगाने के अपने आधे लक्ष्य को ही हासिल कर पाए हैं। अपना काम पूरा करने के लिए अतिरिक्त समय की मांग की है। कैमरे लगाने का काम सुजाता कम्प्यूटर प्राइवेट लिमिटेड (पुणे), जावी सिस्टम इंडिया प्राईवेट लिमिटेड (बेगलूरु) को सौपा गया है। इसके साथ ही इन दोनों ठेकेदारों को पांच साल तक कैमरे की देखरेख का भी जिम्मा दिया गया है। पिछली सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने मामले को लेकर हलफनामा दायर किया था।
राज्य के 1089 पुलिस स्टेशनों में लगेंगे 6092 कैमरे
राज्य सरकार के हलफनामे के मुताबिक राज्य भर में 1089 पुलिस स्टेशन है। अब तक सिर्फ 547 पुलिस स्टेशनों में 6092 कैमरे लगे हैं। इन कैमरों में से 5639 कैमरे सक्रिय हैं। जबकि 453 कैमरे बंद पड़ गए है। 542 पुलिस स्टेशनों में वायरिंग व केबलिग का काम पूरा हुआ है। इससे पहले मामले की न्यायमित्र के रुप में पैरवी कर रहे अधिवक्ता रोहन कामा ने कहा क फिलहाल 711 कैमरे निष्क्रिय हैं।
Created On :   7 March 2022 8:14 PM IST