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लाइनमैन की मौत, गुस्साए लोगों ने 4 घंटे जाम रखा सतना-चित्रकूट मार्ग

डिजिटल डेस्क, सतना। पिछले शनिवार कोठी सबस्टेशन अंतर्गत ग्राम भैंसवार की नई बस्ती में करंट लगने से गंभीर रूप से घायल लाइनमैन दिवाकर मिश्रा की रविवार को उपचार के दौरान नागपुर में मौत हो गई। जिनका शव मंगलवार को सतना लाया गया। इस बात की जानकारी लगते ही मृतक के परिजनों के साथ ग्रामीण इस कदर आक्रोशित हुए कि शव रखकर उन्होंने सतना-चित्रकूट मार्ग 4 घंटे तक जाम कर दिया। यह आंदोलन कोठी बस स्टैंड के पास हुआ, जहां प्रदर्शनकारी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की समझाइश के बाद भी सिर्फ और सिर्फ कलेक्टर को मौके पर बुलाए जाने की मांग कर रहे थे। हालांकि ज्ञापन 5 सूत्रीय मांगों का था।
उल्लेखनीय है कि पूर्वी क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कोठी स्थित 33/11 केवी सब स्टेशन में परमिट के बाद भी पावर सप्लाई शुरु कर देने के कारण भैंसवार की नई बस्ती में लाइन पर काम कर रहे लाइनमैन दिवाकर पिता आदित्य मिश्रा 42 वर्ष तकरीबन 20 फिट ऊंचे पोल से गिरने के कारण गंभीर रुप से घायल हो गए थे। जिन्हें पहले जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से जबलपुर के लिए रेफर कर दिया गया। स्थिति नाजुक देख परिजन उन्हें नागपुर ले गए, जहां रविवार को उन्होंने दम तोड़ दिया।
कर्ज लेकर उठाया शव
रविवार को लाइनमैन दिवाकर की मृत्यु होने के बाद उनके परिजनों के पास इतने रुपए भी नहीं थे कि वे नर्सिंग होम का बिल चुकाकर यहां आ सकें। बताया गया कि परिजनों ने किसी तरह से गांव एवं अपने रिश्तेदारों से कर्ज के तौर पर रुपए लिए और भुगतान करने के बाद मंगलवार को यहां पहुंचे। गांव के लोगों का सहयोग मिलते ही परिजन शव लेकर प्रात: 9 बजकर 20 मिनट पर कोठी बस स्टैंड के पास पहुंचे और जाम लगा दिया।
पहुंचे अधिकारी मगर सुनी नहीं
सड़क जाम की खबर लगते ही कोठी थाना प्रभारी महेन्द्र पटेल सबसे पहले पहुंचे, उनके बाद रघुराजनगर तहसीलदार बीके मिश्रा भी मौके पर पहुंच गए। जिन्होंने परिजनों को आश्वासन के साथ समझाइश दी, मगर जब बात नहीं बनी तब एमपीईबी के ग्रामीण संधारण संचारण संभाग सतना के कार्यपालन यंत्री लोकेश साहू पहुंचे। तब अधिकारियों के बीच हुई मंत्रणा के बाद 5 लाख रुपए की सहायता राशि दिए जाने की घोषणा की गई। हालांकि इसके पहले प्रदर्शनकारी कलेक्टर को भी मौके पर बुलाए जाने के लिए अड़े रहे।
लाखों का कर्ज, कमाने वाला कोई नहीं
मृतक लाइनमैन दिवाकर मिश्रा अपने परिवार में इकलौता कमाने वाला व्यक्ति था, जिसके इलाज के लिए उसकी पत्नी ने रिश्तेदारों के सहारे लाखों का रुपए का कर्ज ले लिया। अब स्थिति यह है कि कर्ज तो लाखों का है, मगर इस परिवार में कमाने वाला कोई नहीं है। दिवाकर की बेटी मधु 18 वर्ष, बेटा संदीप 17 एवं सुदीप 13 वर्ष हैं जो पढ़ाई कर रहे हैं। स्वाभाविक है कि इस परिवार के पास अब कोई कमाई का जरिया नहीं है। ऐसे में पहले तो कर्ज की अदायगी करना इस परिवार के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।
Created On :   1 Aug 2018 2:42 PM IST