लॉकडाउन के नाराज छोटे व्यापारी जाएंगे अदालत, दुकाने बंद होने से 69 हजार करोड़ का नुकसान 

Angry traders will go to court against lockdown, 69 thousand crore loss due to closure of shops
लॉकडाउन के नाराज छोटे व्यापारी जाएंगे अदालत, दुकाने बंद होने से 69 हजार करोड़ का नुकसान 
लॉकडाउन के नाराज छोटे व्यापारी जाएंगे अदालत, दुकाने बंद होने से 69 हजार करोड़ का नुकसान 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना संक्रमण की रफ्तार पर लगाम लगने के बावजूद लॉकडाउन 1 जून तक बढ़ाए जाने से नाराज छोटे कारोबारी हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। कारोबारियों का कहना है कि पाबंदियों के बावजूद ईकॉमर्स के जरिए गैरजरूरी सामानों की बिक्री हो रही है लेकिन सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। यही नहीं सरकार ने कारोबारियों और उनके कर्मचारियों के लिए भी किसी तरह के राहत पैकेज का ऐलान नहीं किया गया। इसलिए अब मामले में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने के अलावा कोई चारा नहीं है।

फेडरेशन ऑफ रिटेल ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष वीरेन शाह ने कहा कि हम बार-बार सरकार से मांग कर रहे थे कि मुंबई समेत राज्य के जिन इलाकों में कोरोना संक्रमण की रफ्तार काबू में आ गई है वहां छोटे कारोबारियों को राहत देते हुए दुकान खोलने की इजाजत देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल की बैठक में कारोबारियों को किसी भी तरह के राहत पैकेज या सब्सिडी देने पर विचार नहीं किया गया जबकि 4 अप्रैल से 31 मई तक छोटे और मझोले कारोबारियों को करीब69 हजार 500 करोड़ रुपए का नुकसान होगा। सरकार भी मानती है कि मुंबई में कोरोना संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में है और हालात आसानी से संंभाले जा सकते हैं, इसके बावजूद लॉकडाउन में ढील देने पर कोई विचार नहीं किया गया।

ई-कामर्स कंपनियां कर रही कारोबार 

शाह ने कहा कि राज्य सरकार से सबूत के साथ कई शिकायतें की गई जिससे साफ होता है कि ई-कॉमर्स वेबसाइट के जरिए गैरजरूरी सामान की बिक्री हो रही है। इससे खुदरा कारोबारियों का व्यापार खत्म हो रहा है लेकिन सरकार ने ई-कॉमर्स कंपनियों को नोटिस तक नहीं भेजा। राज्य सरकार को नियमों का उल्लंघन कर रही ई-कॉमर्स कंपनियों का लाइसेंस रद्द करना चाहिए। शाह ने कहा कि इस मामले में हम हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। हम इस बात पर भी कानूनी सलाह ले रहे है कि कारोबारियों को हुए नुकसान और किसी तरह की छूट न देने के राज्य सरकार के कदम को क्या चुनौती दी जा सकती है जिससे अदालत सरकार को कम से कम कर्मचारियों को पैकेज और संपत्तिकर, लाइसेंस फीस में राहत के लिए निर्देश दे।


 

Created On :   13 May 2021 6:33 PM IST

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