अनिल देशमुख को नहीं मिली राहत, अदालत ने खारिज की याचिका

Anil Deshmukh did not get relief, the court dismissed the petition
अनिल देशमुख को नहीं मिली राहत, अदालत ने खारिज की याचिका
हाईकोर्ट अनिल देशमुख को नहीं मिली राहत, अदालत ने खारिज की याचिका

डिजिटल डेस्क, मुंबई।  बांबे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को मनी लांड्रिंग के आरोपों का सामना कर रहे राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की याचिका को खारिज करते हुए उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया है। देशमुख ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से जारी किए गए समन व दर्ज किए गए मामले को रद्द करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में दावा किया गया था कि ईडी उनके खिलाफ दुर्भावनापूर्ण ढंग से कार्रवाई कर रही है। जबकि वे जांच में सहयोग करने को राजी है।  न्यायमूर्ति नीतिन जामदार व न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल की खंडपीठ ने देशमुख की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि वे यह दिखाने में नाकाम रहे हैं कि ईडी की ओर से जारी समन को क्यों रद्द किया जाए। इसलिए हम उन्हें ईडी अथवा सीबीआई की कड़ी कार्रवाई से राहत नहीं प्रदान कर सकते हैं। ईडी अब तक देशमुख को पांच समन जारी कर चुकी है लेकिन राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता देशमुख एक बार भी ईडी के सामने उपस्थित नहीं हुए है। 

खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा है कि देशमुख एक आम आदमी की तरह यदि प्रकरण में खुद की गिरफ्तारी की आशंका महसूस करते है तो वे जमानत के लिए विशेष अदालत में आवेदन कर सकते हैं। यह उनका अधिकार है। खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा कि जब ईडी देशमुख से पूछताछ करेगी तो उनके वकील इतनी दूरी पर बैठ सकते हैं कि वे देशमुख को देश सकेंगे पर उनकी बातों सुन नहीं सकेंगे। गौरतलब है कि पहले सीबीआई ने भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच को लेकर हाईकोर्ट की ओर से जारी आदेश के बाद देशमुख के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इसके बाद ईडी ने देशमुख के खिलाफ मनी लांड्रिंग के आरोपों को लेकर जांच शुरु की है। इस मामले में देशमुख को समन जारी किया था। लेकिन देशमुख ने ईडी के सामने हाजिर होने की बजाय हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में देशमुख ने कोरोना के चलते ईडी के सामने ऑनलाइन तरीके से उपस्थित होने की मांग की थी। याचिका में देशमुख ने कहा है कि वे ईडी के साथ पूरी तरह से जांच में सहयोग करने को राजी है। वे ऑनलाइन सारे दस्तावेज ईडी को देने को तैयार हैं। इसलिए ईडी की ओर से जारी किए गए समन को व दर्ज मामले को रद्द किया जाए अथवा उन्हें ईडी की कड़ी कार्रवाई से राहत प्रदान की जाए।  
 

Created On :   29 Oct 2021 9:18 PM IST

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