चुनावी दौरा नहीं मगर, जरुरी है सरकारों पर जनशक्ति का अंकुश : अन्ना हजारे

Anna hazare on 1st mp visit says it is not a part of election strategy
चुनावी दौरा नहीं मगर, जरुरी है सरकारों पर जनशक्ति का अंकुश : अन्ना हजारे
चुनावी दौरा नहीं मगर, जरुरी है सरकारों पर जनशक्ति का अंकुश : अन्ना हजारे

डिजिटल डेस्क सतना। मध्यप्रदेश के दौरे के दौरान पहली मर्तबा विंध्य धरा पर पहुंचे मशहूर समाजसेवी अन्ना हजारे ने मंगलवार को दैनिक भास्कर के साथ खास बातचीत में तमाम सियासी कयासों के उलट दो टूक कहा कि उनका दौरा किसी भावी चुनावी रणनीति का हिस्सा नहीं है। 80 वर्ष के बुजुर्ग समाजसेवी ने कहा कि वो किसानों की मौजूदा दयनीय हालत में सकारात्मक बदलाव के पक्षधर हैं। ये महज बदलाव की कोशिश है। एक सवाल के जवाब में अन्ना ने स्पष्ट किया कि वे अपने अंादोलन के किसी भी साथी और समर्थक को चुनाव लड़ाने के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस देश में चुनाव तो 70 वर्षों से लड़े जा रहे हैं। इससे किसानों का हित नहीं हैं। जाने-माने समाजसेवी ने कहा कि वो तो सिर्फ सरकारों पर जनशक्ति का अकुंश लगाना चाहते हैं।
 अब तक 12 लाख किसानों ने की खुदकुशी
अन्ना हजारे ने एक और सवाल के जवाब में इस बाद पर अफसोस जताया कि कृषि प्रधान देश में अब तक तकरीबन 12 लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं। उन्होंने सवाल उठाए कि क्या किसी उद्योगपति ने महज इसलिए खुदकुशी कर ली कि वो कर्जदार था,या फिर उसे उसके प्रोडक्ट की कम कीमत मिली या फिर उसका माल नहीं बिका? अन्ना ने कहा कि सरकारी किसी की भी हो,किसानों के प्रति संवेदनशीलता तो दूर इनमें मानवीय दृष्टिकोण तक नहीं है। उन्होंने कहा कि हालात बदलने चाहिए।  
 एक बार हो जाए आर-पार
 भारतीय सेना में सेवाएं दे चुके अन्ना हजारे ने सरहद पर युद्ध विराम तोडऩे की पाकिस्तान की नापाक हरकतों से जुड़े एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि वो युद्ध  के पक्षधर नहीं। उन्होंने कहा कि अगर युद्ध हुआ तो दोनों देश कम से कम 20 साल पीछे चले जाएंगे। मगर बावजूद इसके अन्ना का मानना है कि यदि पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आता है तो एक बार भारत को आरपार की लड़ाई के लिए तैयार रहना चाहिए।
 अधिकारी तो दूर पटवारी तक नहीं पहुंचा सर्किट हाउस
किसानों के सम्मेलन में शिकरत करने यहां विंध्य की धरा पर पहली बार पहुंचे मशहूर समाजसेवी अन्ना हजारे मंगलवार की रात सर्किट हाउस में गर्म पानी के लिए तरस गए। बार-बार आग्रह के तकरीबन डेढ़ घंटे बाद उन्हें गर्म पानी नसीब हो पाया। 80 वर्ष के वयोवृद्ध और देश के शीर्षस्थ समाजसेवी अन्ना के गले में खराश के कारण गरारा के लिए गर्म पानी की जरुरत थी। हद तो तब हो गई जब समर्थकों से रात के भोजन के लिए हजार रुपए भी जमा करा लिए गए। देश के पापुलर फिगर के सम्मान में प्रोटोकॉल का हाल भी कम अजब-गजब नहीं रहा। सर्किट हाउस में सत्कार अधिकारी तो दूर एक अदद पटवारी तक मुंह देखाई करने नहीं पहुंचा।
सडक़ मार्ग से पहुंचे सतना
अन्ना हजारे इससे पहले प्लेन से जबलपुर और फिर सडक़ मार्ग से कटनी-मैहर होते हुए रात साढ़े 8 बजे यहां सर्किट हाउस पहुंचे। जहां किसान यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ईश्वर चंद्र त्रिपाठी के साथ बड़ी तादाद में  समर्थकों उनकी आगवानी की। सिहोरा, स्लिमनाबाद, कटनी, झुकेही, अमदरा, सभागंज, घुनवारा, मैहर और  उचेहरा में भी अन्ना का जगह जगह जोरदार स्वागत किया गया। अन्ना के साथ नौ निर्माण सेना उड़ीसा के अक्षय भाई भी आए हैं। दिल्ली से हिमांशु तिवारी के अलावा किसान यूनियन के राष्ट्रीय पदाधिकारी 7 फरवरी को यहा पहुंचेंगे।

 

Created On :   7 Feb 2018 2:12 PM IST

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