डिफाल्ट जमानत के लिए हाईकोर्ट पहुंचा भीमा-कोरेगांव मामले का एक और आरोपी

Another accused in the Bhima-Koregaon case reached the High Court for default bail
डिफाल्ट जमानत के लिए हाईकोर्ट पहुंचा भीमा-कोरेगांव मामले का एक और आरोपी
न्यायमूर्ति हुए सुनवाई से अलग  डिफाल्ट जमानत के लिए हाईकोर्ट पहुंचा भीमा-कोरेगांव मामले का एक और आरोपी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। भीमा-कोरेगांव के एल्गार परिषद मामले के आरोपी अरुण फरेरा ने बांबे हाईकोर्ट में जमानत के लिए आवेदन दायर किया है। आरोपी फरेरा ने जमानत आवेदन में कहा है कि जैसे इस प्रकरण में आरोपी सुधा भारद्वाज को डिफाल्ट जमानत दी गई है वैसे ही समानता के आधार पर उन्हें भी जमानत दी जाए। शुक्रवार को न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे व न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख की खंडपीठ के सामने फरेरा का जमानत आवेदन सुनवाई के लिए आया किंतु न्यायमूर्ति ढेरे ने किसी कारण का उल्लेख किया बिना ही खुद को इस मामले की सुनवाई से अलग कर लिया।  इसलिए अब अन्य पीठ के सामने फरेरा की जमानत आवेदन पर सुनवाई होगी। फरेरा को इस मामले में अगस्त 2018 में गिरफ्तार किया गया था। तब से वे इस मामले में जेल में है। हाईकोर्ट ने दिसंबर 2021 में आरोपी भारद्वाज को डिफाल्ट जमानत दी थी। जिसके आधार पर फरेरा ने भी जमानत देने की मांग की है।

16 आरोपियों में से एक की मौत, दो जमानत पर रिहा 

एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में अगले तीन महीने में आरोप तय करने संबंधी सुपऱ्ीम कोर्ट के निर्देश के बाद अब इस बात पर ध्यान केंद्रित हो गया है कि मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों से जुड़ी स्थिति क्या है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) मामले की जांच कर रही है। इस मामले में 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से फादर स्टेन स्वामी की न्यायिक हिरासत के दौरान पिछले साल यहां अस्पताल में मौत हो गई थी, जबकि तेलुगु कवि वरवर राव मेडिकल जमानत पर जेल से बाहर हैं। केवल एक आरोपी सुधा भारद्वाज को नियमित जमानत पर रिहा किया गया है। सुधा को पिछले साल दिसंबर में हाईकोर्ट ने जमानत दी थी। इसके अलावा 13 अन्य आरोपी विभिन्न जेलों में बंद हैं। 

एनआईए ने अपने मसौदा आरोपों में आरोपियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के विभिन्न प्रावधानों के तहत आरोप लगाए जाने का अनुरोध किया है। अदालत ने अभी इस मामले में आरोप तय नहीं किए हैं। आरोप तय होने के बाद ही सुनवाई शुरू होगी। यह मामला 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में आयोजित एल्गार परिषद सम्मेलन में कथित भड़काऊ भाषण देने से संबंधित है। 

Created On :   19 Aug 2022 9:16 PM IST

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