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4 साल में पेश नहीं किया जवाब, हाईकोर्ट ने लगाई टेलीकॉम सोसायटी पर 5 हजार रुपए की कॉस्ट
![Answer not presented in 4 years, High Court imposes 5 thousand cost on Telecom Society Answer not presented in 4 years, High Court imposes 5 thousand cost on Telecom Society](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/2021/03/answer-not-presented-in-4-years-high-court-imposes-5-thousand-cost-on-telecom-society_730X365.jpeg)
डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट ने क्रेडिट सोसायटी के कर्मचारियों के वेतनमान के मामले में चार साल में भी जवाब पेश नहीं करने पर सख्त रुख अपनाया है। जस्टिस अतुल श्रीधरन की एकल पीठ ने जवाब पेश नहीं करने पर टेलीकॉम इंजीनियरिंग क्रेडिट सोसायटी बीएसएनएल पर पाँच हजार रुपए की कॉस्ट लगाई है। एकल पीठ ने सोसायटी को अगली सुनवाई तक जवाब पेश करने का अवसर देते हुए मामले की अगली सुनवाई 15 अप्रैल को नियत की है।
यह है मामला
यह याचिका टेलीकॉम इंजीनियरिंग क्रेडिट सोसायटी बीएसएनएल जबलपुर की कर्मचारी जया चक्रवर्ती और 6 अन्य की ओर से दायर की गई है। याचिका में कहा कि वर्तमान में सातवाँ वेतनमान लागू हो चुका है, लेकिन कर्मचारियों को चौथे वेतनमान से भी कम वेतन दिया जा रहा था। कर्मचारियों के आवेदन पर रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव सोसायटी ने वर्ष 2012 में उनका वेतनमान निर्धारित कर दिया। जब सोसायटी ने कर्मचारियों को निर्धारित वेतनमान नहीं दिया, तो ज्वाइंट रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव के समक्ष प्रकरण दायर किया गया। ज्वाइंट रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव ने आदेशित किया कि कर्मचारियों को निर्धारित वेतनमान दिया जाए। इस आदेश को क्रेडिट सोसायटी ने को-ऑपरेटिव ट्रिब्यूनल में चुनौती दे दी। को-ऑपरेटिव ट्रिब्यूनल ने ज्वाइंट रजिस्ट्रार के आदेश पर रोक लगा दी। इस आदेश के खिलाफ कर्मचारियों ने वर्ष 2017 में हाईकोर्ट में याचिका दायर दी।
Created On :   12 March 2021 7:55 AM GMT