महाराष्ट्र बंद पर आघाडी सरकार से मांगा जवाब, पूर्व अधिकारियों ने दायर की है याचिका 

Answer sought from Aghadi government on Maharashtra bandh, former officers have filed petition
महाराष्ट्र बंद पर आघाडी सरकार से मांगा जवाब, पूर्व अधिकारियों ने दायर की है याचिका 
हाईकोर्ट महाराष्ट्र बंद पर आघाडी सरकार से मांगा जवाब, पूर्व अधिकारियों ने दायर की है याचिका 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने उत्तरप्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों पर हुई हिंसा के विरोध में राज्य की महाविकास आघाडी में शामिल (शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी व कांग्रेस) तीनों दलों की ओर बुलाए गए महाराष्ट्र बंद पर मुद्दे पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। महाविकासी आघाडी सरकार ने हिंसा के विरोध में 11 अक्टूबर 2021 को महाराष्च्र बंद का एलान किया था।  इसके विरोध में पूर्व आईपीएस अधिकारी ज्यूलियो रिबेरो व पूर्व प्रशासकीय अधिकारी डीएम सुकथनकर ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में बंध को अवैध घोषित करने की मांग की गई है और बंद से प्रभावितों को मुआवजा देने की मांग की गई है। सोमवार को यह याचिका मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ के सामने यह याचिका सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता रमेश सोनी ने कहा कि 11 अक्टूबर को घोषित किया गया बंद सरकार की ओर से प्रायोजित था। इस बंद के चलते राज्य सरकार के खजाने को तीन हजार करोड़ रुपए की चपत लगी है। नागरिकों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा। राज्य सरकार के कई मंत्रियों ने बंद को लेकर बयान दिए थे। उन्होंने कोर्ट के एक पुराने आदेश का हवाला देते हुए कहा कि इस मामले में बंद के लिए जिम्मेदार लोगों को मुआवजा देने के लिए कहा जाए। 

राजनीतिक दल क्या बंद न करने के आदेश को मानेंगे

इन दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि बंद अपने आप में अवैध होता है लेकिन हम इस बात को लेकर आशंकित हैं कि यदि हम भविष्य में बंद बुलाने से रोकने को लेकर आदेश जारी करेंगे तो क्या राजनीतिक दल इसका पालन करेंगे। इस पहलू पर भी विचार किया जाना चाहिए। खंडपीठ ने फिलहाल इस मामले में राज्य सरकार को जवाब देने को कहा और याचिका पर सुनवाई 14 फरवरी 2021 तक के लिए स्थगित कर दी है। 
 

Created On :   20 Dec 2021 2:14 PM GMT

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