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मेडिकल व स्वास्थ्य सेवा जुड़े भारी संख्या में रिक्त पदों पर मांगा जवाब, अदालत ने कहा - कौन से कदम उठाए
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने मेडिकल शिक्षा महानिदेशालय(डीएमईआर) से पूछा है कि राज्य के मेडिकल व स्वास्थय सेवा से जुड़े पद बड़ी संख्या में रिक्त क्यों है। जबकि मेलघाट व नंदुरबार सहित राज्य के 11 आदिवासी संवेदनशील इलाकों में महिलाओं व बच्चों की मौत की मुख्य वजह पर्याप्त स्वास्थ्य सेवाओं की कमी बताई गई। हाईकोर्ट ने डीएमईआर को अगली सुनवाई के दौरान पद भरने की दिशा में उठाए गए कदमों की जानकारी पेश करने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ ने स्वास्थय सेवा आयुक्तालय की ओर से पेश की गई जानकारी पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने पाया कि समूह ए के लिए 1786 पद मंजूर किए गए है। इसमें से 674पद भरे गए है। जबकि 1112 पद रिक्त है। इस तरह समूह ए के 62 प्रतिशत रिक्त है। समूह बी के 74 प्रतिशत पद रिक्त है। सी समूह के लिए 31585 पद मंजूर किए गए है। इसमें से 22234 पद भरे गए है। जबकि 9351 पद रिक्त है। डी समूह के लिए 13112 पद मजूर किए गए। इसमें से 8197 पद भरे गए है। शेष पद रिक्त है।
इन रिक्त पदों पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि राज्य के नंदुरबार व मेलघाट समेत 11 संवेदनशील आदिवासी इलाकों में बच्चों व महिलाओं की मौत की वजय डाक्टर व स्वास्थ्य सेवाओं की कमी है। फिर यह पद रिक्त क्यों है। खंडपीठ ने डीएमईआर को इस बारे मे जवाब देने को कहा है। इसके साथ ही खंडपीठ ने इस मामलें महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग को भी नोटिस जारी किया और आयोग को इस याचिका में पक्षकार बनाने का निर्देश दिया गया है। वहीं सरकारी वकील खंडपीठ को बताया कि सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग मामले को लेकर आईपीएस अधिकारी छेरिंग दोरजे की रिपोर्ट का अध्ययन कर उसे प्रभावी ढंग से अमल कर रहा है। इसके साथ ही इस रिपोर्ट के आधार पर अतिरिक्त एक्सन टेकेन प्लान तैयार किया जा रहा है।
Created On :   26 Sept 2022 9:18 PM IST