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भोपाल एम्स में प्राध्यापक की नियुक्ति हाईकोर्ट के निर्णयाधीन , तीन सप्ताह में जवाब देने के निर्देश
डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट के जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव की एकलपीठ ने अंतरिम आदेश पारित करते हुए भोपाल एम्स में प्राध्यापक के पद पर नियुक्ति को याचिका के निर्णयाधीन रखने का आदेश दिया है। एकलपीठ ने भोपाल एम्स को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब-तलब किया है।
ये है मामला-यह याचिका भोपाल निवासी डॉ. मनीष गुप्ता ने दायर की है। याचिका में भोपाल एम्स में प्राध्यापक पद के लिए साक्षात्कार के बाद नियमों में बदलाव किए जाने को चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि प्राध्यापक पद के लिए नियुक्ति के लिए जारी विज्ञापन में शैक्षणिक अध्यापन, शोध पत्र प्रकाशन और पीएचडी के लिए 15 अंक देने का प्रावधान किया गया था। याचिका में कहा गया कि रिजल्ट घोषित करने के एक दिन पहले इस नियम को अचानक बदल दिया गया, संशोधित नियम के अनुसार केवल साक्षात्कार के आधार पर िनयुक्ति का प्रावधान कर दिया गया।
खेल खत्म के बाद नहीं बदले जा सकते नियम
अधिवक्ता नरिंदर सिंह रूपराह ने सुप्रीम कोर्ट के न्याय दृष्टांतों का हवाला देते हुए कहा कि खेल खत्म होने के बाद नियमों में बदलाव नहीं किया जा सकता है। भोपाल एम्स ने अवैधानिक तरीके से प्राध्यापक की नियुक्ति के नियमों में बदलाव किया है, इसलिए नियुक्ति प्रक्रिया को निरस्त किया जाए। प्रारंभिक सुनवाई के बाद एकलपीठ ने प्राध्यापक पद की नियुक्ति को याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन करने का आदेश दिया है।
Created On :   29 May 2021 5:24 PM IST