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कल्चुरी कालीन कलाकृतियों का शोध करेंगे देश भर के पुरातात्विक छात्र

तेवर में खुदाई के दौरान मिलीं मूर्तियों, बर्तनों और सामग्री का लिट्रेचर किया जा रहा तैयार
डिजिटल डेस्क जबलपुर । भेड़ाघाट के तेवर में चल रहा पुरातत्व विभाग का प्रोजेक्ट बहुत जल्द दुनिया भर में मशहूर होगा। सूत्रों के अनुसार पुरातत्व विभाग की खुदाई में मिलीं मूर्तियाँ, बर्तन और प्राचीन नक्कासी से बने भवनों के अवशेषों का पुरातत्वविद लिट्रेचर तैयार कर रहे हैं, जिसका देश भर के पुरातात्विक छात्र शोध करेंगे। केन्द्रीय संस्कृति मंत्री प्रहलाद सिंह पटैल शुरुआत से ही इस प्रोजेक्ट को लेकर व्यक्तिगत रूप से सक्रिय हैं, लिहाजा केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय और पुरातत्व विभाग भी इसमें किसी तरह की कसर नहीं छोड़ रहा। जानकारों के अनुसार लिट्रेचर में तेवर के साथ भेड़ाघाट के चौसठ योगिनी मंदिर और नर्मदा नदी की प्राचीनता को भी जोड़ा जा रहा है। जिसमें दक्षिण भारत के कई प्रदेशों के पुरातत्वविद इससे जुड़ चुके हैं।
सूत्रों के मुताबिक तेवर में हुई खुदाई में मिले सभी अवशेषों की तस्वीरें और उनसे जुड़ीं पुरानी सभी जानकारियाँ इंटरनेट के जरिए देश भर में पहुँचाई जा चुकी हैं। हाल ही में तमिलनाडु और कर्नाटक में चल रहे कुछ प्रोजेक्टों में जबलपुर की कल्चुरीकालीन कलाकृतियाँ जैसी चीजें मिली थीं, लिहाजा पुरातत्व साउथ जोन की तरफ से भी यहाँ जानकारियाँ भेजी गईं थीं। पुरातत्वविदों का अनुमान है कि 7वीं- 8वीं शताब्दी में भी जबलपुर का संपर्क दक्षिण भारत से रहा होगा। हालाँकि अभी इस कनेक्टिविटी के पुख्ता प्रमाण जुटाए जा रहे हैं, इसलिए आधिकारिक तौर पर इस संबंध में कोई कुछ नहीं कह रहा।
मानसून के बाद शुरू होगा काम
उल्लेखनीय है कि जबलपुर में पुरातत्व विभाग का सर्किल ऑफिस खुलने के बाद तेवर स्थित त्रिपुर सुंदरी मंदिर के पीछे पुरातत्व विभाग की टीमों ने खुदाई शुरू की थी। जनवरी 2021 से चल रहे इस प्रोजेक्ट में अभी तक सातवीं शताब्दी के कल्चुरीकालीन जीवन काल से जुड़ीं कई महत्वपूर्ण चीजें खुदाई के दौरान मिली हैं। मानसून के चलते फिलहाल तेवर में खुदाई का काम बंद कर दिया गया है। अक्टूबर में 5 बारिश खत्म होने के बाद यहाँ फिर से काम शुरू होगा।
Created On :   6 July 2021 3:37 PM IST