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सेना के नायक क्लर्क को हाईकोर्ट से जमानत नहीं - पाकिस्तानी एजेन्ट को दी थीं गोपनीय सूचना
डिजिटल डेस्क जबलपुर । भारतीय सेना के उस नायक क्लर्क को हाईकोर्ट ने जमानत का लाभ देने से इंकार कर दिया, जिस पर रकम लेकर पाकिस्तानी एजेन्ट को भारतीय सेना की गोपनीय जानकारियां देने का आरोप है। आरोपी सभी गोपनीय जानकारियां पाकिस्तानी एजेन्ट के एक युवती के नाम से बनी फर्जी प्रोफाईल पर सोशल मीडिया के जरिए भेजता था। जस्टिस राजीव कुमार दुबे की एकलपीठ ने आरोपी पर लगे आरोपों को गंभीरता से लेते हुए उसकी अर्जी खारिज कर दी। मूलत: बिहार के वैशाली में रहने वाला अविनाश कुमार इन्दौर जिले में स्थित बिहार रेजीमेंट में नायक क्लर्क के पद पर कार्यरत था। एसटीएफ भोपाल ने उसे 16 मई 2019 को गिरफ्तार किया था। एसटीएफ का आरोप है कि आरोपी अविनाश ने पाकिस्तानी एजेन्ट द्वारा व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम में प्रिशा अग्रवाल के फर्जी नाम से बनाए गए एकाउन्ट में भारतीय सेना से जुड़ीं गोपनीय जानकारियां ऑडियो और वीडियो चैट के जरिए भेजीं। इसके एवज में आरोपी ने रकम भी ली थी। मामले में जमानत पर रिहा होने दायर इस जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान आरोपी की ओर से कहा गया कि उनके मुवक्किल के खिलाफ ऐसा कोई सीधा सबूत नहीं है, जिससे यह साबित हो कि अविनाश ने रकम लेकर सेना की गोपनीय जानकारियां भेजी हैं। उसके खाते में आई रकम दिल्ली से ट्रांसफर हुई थी, न कि पाकिस्तान से। आरोपी के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल हो चुकी है, इसलिए उसे जमानत का लाभ दिया जाए। वहीं सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता सत्येन्द्र ज्योतिषी ने अदालत को बताया कि आरोपी के मोबाईल की जब्त की गई हार्डडिस्क से जब्त हुए डाटा से साफ है कि वह पाकिस्तानी एजेन्ट द्वारा प्रिशा अग्रवाल के फर्जी नाम से बनाए गए सोशल मीडिया के एकाउन्ट से जुड़ा था और उसने गोपनीय जानकारियां भी उस एकाउन्ट को भेजीं। सुनवाई के बाद अदालत ने आरोपों को गंभीरता से लेते हुए आरोपी की ओर से दायर अर्जी खारिज कर दी।
Created On :   24 Dec 2019 7:07 PM IST