टाइगर के शावक दिखते ही भीड़ ने घेरा, बरसाए पत्थर, रेस्क्यू कर कान्हा पार्क में छोड़ा

As soon as the tiger cub was seen, the crowd surrounded, threw stones,
टाइगर के शावक दिखते ही भीड़ ने घेरा, बरसाए पत्थर, रेस्क्यू कर कान्हा पार्क में छोड़ा
वन विकास निगम के पिपरिया गांव की घटना टाइगर के शावक दिखते ही भीड़ ने घेरा, बरसाए पत्थर, रेस्क्यू कर कान्हा पार्क में छोड़ा

डिजिटल डेस्क, सिवनी। वन विकास निगम की पांडियाछपारा रेंज के पिपरिया गांव में ग्रामीणों ने मंगलवार की सुबह बाघिन के दो शावकों को घेर लिया। देखते ही देखते बड़ी संख्या में ग्रामीण एकजुट हो गए और शावकों पर पत्थर बरसाना शुरु कर दिए। घटना की जानकारी पर पुलिस और वन विभाग का अमला पहुंच गया। बड़ी मशक्त के बाद शावकों को ग्रामीणों के हमले से मुक्त कराकर रेस्क्यू कर दोनों शावकों को कान्हा टाइगर रिजर्व के मुक्की स्थित गोरिल्लाबाड़ा(रेस्क्यू सेंटर) में छोड़ा गया। वहीं कुछ लोगों का आरोप है कि टाइगर जैसे वन्यजीव की सुरक्षा को लेकर वन विभाग का अमला गंभीर नहीं था। घटना के बाद भी पुलिस बल तत्काल नहीं बुलाया गया।

ये थी घटना-

प्राप्त जानकारी के अनुसार पिपरिया गांव के ग्रामीण कंपार्टमेंट नंबर पी 783 में तेंदूपत्ता तोडऩे पीपरताल तालाब के पास गए थे। सुबह करीब सात बजे उन्हें झाडिय़ों में बाघिन के दो शावक नजर आए। आसपास के लोग एकत्रित हो गए और शावकों को घेर लिया। वहीं गांव के अन्य लोग भी पहुंच गए। घटना की सूचना पर स्थानीय वन अमला पहुंचा और लोगों को हटने के लिए कहा लेकिन ग्रामीणों की भीड़ बढऩे लगी। करीब सात सौ से आठ सौ की संख्या में ग्रामीण एकत्रित हो गए। बाद में कुछ लोगों ने  शावकों पर पत्थर बरसाना शुरू कर दिया।

शावक लंगड़ रहा था और लोग पत्थर फेंक रहे थे-

भीड़ द्वारा फेंके गए पत्थर से एक शावक के सामने का  बांया पैर में गंभीर चोट आ गई। वह लंगड़ रहा था लेकिन लोग उसके बाद भी पत्थर फेंक रहे थे। हालांकि कुछ लोगों ने पत्थर न फेंकने की बात कही थी। पेंच टाइगर रिजर्व से आए डॉ अखिलेश मिश्रा और उनकी रेस्क्यू टीम ने शावकों के उपर जाल फेंककर उन्हें पिंजरे में कैद किया। प्राथमिक इलाज कर विभागीय आदेश पर शावकों को कान्हा टाइगर रिजर्व भेजा गया। शावकों की उम्र करीब 15 से 16 माह की है। बताया गया कि शावक अपनी मां के साथ तालाब में पानी पीने आए थे। भीड़ के कारण बाघिन भी जंगल की ओर चले गई।

पांडीवाड़ा की घटना याद आई-

पिछले साल 22 नवंबर को उगली के ही पास तेंदुए द्वारा किए गए एक बालक के शिकार के मामले में गुस्साए ग्रामीणों ने तेंदुए को घेरकर पीट पीटकर मार डाला। इसके बाद उसके शव में आग लगा दी। उगली के भुरलाटोला में हुई इस घटना की याद फिर से वन अमले को आई। वनअधिकारियों को भी शक था कि कहीं ग्रामीण दो शावकों को मार न डाले। भीड़ के आगे पुलिस और वन विभाग का बल काफी कम था। काफी देर तक समझाइश देने के बाद ग्रामीण वहां से हटे। इस दौरान रेस्क्यू टीम को भी दिक्कत हुई।
एसएस उद्दे, (सीसीएफ सिवनी) इनका कहना है कि ग्रामीणों ने बाघिन के दोनों शावकों को घेरा था। उन पर पत्थर फेंके थे। इसमें से एक को अधिक चोट लगी है। दोनों को प्राथमिक इलाज कर उन्हें कान्हा टाइगर रिजर्व के रेस्क्यू सेंटर में भेज दिया गया है।
 
 
 

Created On :   18 May 2022 6:07 PM IST

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