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Seoni News: बगैर सिकमीनामा के हुए पंजीयन, भुगतान भी हुआ

- मूंग खरीदी में हुई बड़ी गड़बड़ी, राजस्व और खरीदी प्रभारियों की मिलीभगत से हुआ खेल
- सूत्रों के अनुसार इस मामले की जांच कराने पर बड़ा घोटाला सामने आ सकता है।
Seoni News: जिले में समर्थन मूल्य पर हुई मूंग की खरीदी विवादों में घिर गई है। राजस्व और खरीदी प्रभारियों ने नियमों को ताक में रख दिया। हैरानी की बात यह है कि कई पंजीयन बगैर सिकमीनामा के हो गए और मूंग की खरीदी भी कर ली गई। हैरानी की बात यह है कि उनका भुगतान भी पूरा हो गया। इस मामले को लेकर जांच तक नहीं की जा रही है। ज्ञात हो कि जिले में ग्रीष्मकालीन मूंग खरीदी के लिए कि पांच केंद बनाए गए थे। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 3545 किसानों से 6678.33 क्विंटल मूंग खरीदी गई है। सूत्रों के अनुसार इस मामले की जांच कराने पर बड़ा घोटाला सामने आ सकता है।
व्यापारियों ने किया पूरा खेल
मूंग खरीदी में सबसे ज्यादा खेल कुछ व्यापारियों ने किया है। सरकारी रेट ८६८२ था जबकि उस समय बाजार में मूंग का रेट ६००० से ६५०० रुपए प्रति क्विंटल था। इसी का फायदा व्यापारियों ने उठाया। उन्होंने दूसरे किसानों के नाम से पंजीयन करा लिया जबकि पंजीयन में सिकमीनामा होना था। अधिक रेट पाने के चक्कर में मनमानी मूंग बेच डाली।
जितना उत्पादन नहीं उससे ज्यादा खरीदी
सरकारी मूंग खरीदी में हैरानी की बात यह रही कि लखनादौन क्षेत्र में जितना उत्पादन मूंग का नहीं होता उससे कहीं ज्यादा मूंग खरीदी हो गई। चूंकि लखनादौन क्षेत्र में पहले से ही पानी की समस्या रहती है। ऐसे में यहां पर मूंग कम ही किसान लगाते हैं। इसके बावजूद भी राजस्व विभाग की टीम ने गिरदावली बैठे-बैठे कर दी। जबकि निमयानुसार किसान के खेत जाकर देखना था कि जितना रकबा बताया जा रहा है उसमें मूंग लगी है या नहीं। बिना मौके पर पहुंचकर गिरदावली कर ली गई। जो रकबा बताया गया कि उसके अनुसार पंजीयन कर लिया गया।
दूसरे जिलों से लाई गई मूंग
सूत्रों के अनुसार व्यापारियों ने नरसिंहपुर, कटनी और अन्य जिलों से मूंग बुलाकर दूसरे के पंजीयन पर मूंग को खरीदी केंद्रों में बेच डाली। बकायदा पैसा भी पा लिया। कुछ कमीशन किसान को दे दिया। सूत्रों के अनुसार लखनादौन में एक संस्था की जमीन के दस्तावेज लगाकर पंजीयन किया गया है जबकि वह जमीन सालों से वीरान पड़ी हुई है। बताया जा रहा है कि लखनादौन सहकारी समिति द्वारा ग्रीष्मकालीन मूंग खरीदी के लिए पंजीयन पर्ची और दिए गए शपथ पत्रों में कई तरह की विसंगति सामने आई है। इन पर्चियों में जमीन का फर्जी तरीके से उपयोग किया गया है।
क्या है सिकमीनामा
सिकमीनामा एक प्रकार का भूमि किराया अनुबंध होता है। इसमें यह बताया जाता है कि जमीन का मालिक कौन है और उसे किसे, कब और कितने समय के लिए दिया गया है। किराया या लगान की राशि और भुगतान की विधि दर्ज की जाती है। यह दस्तावेज उन नियमों और शर्तों का रिकार्ड होता है जो कि जमींदार और सिमकीदार(पट्टेदार) के बीच होता है।
इनका कहना है
विभागीय स्तर पर कोई शिकायत नहीं मिली है। हो सकता है कि दूसरे विभाग के पास शिकायत हो तो उस स्तर पर जांच हो रही होगी। फिलहाल हमारे पास शिकायत नहीं आई है। यदि कोई शिकायत मिलती है तो जांच कराई जाएगी।
एसके धुर्वे,उपंसचालक, कृषि विभाग, सिवनी
Created On :   17 Sept 2025 7:02 PM IST