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विधान परिषद के तालिका सभापति की नियुक्ति, इस सत्र में भी विधानसभा सदस्यों को नहीं मिल सका लैपटॉप

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार के बजट अधिवेशन के लिए विधान परिषद के तालिका सभापति के रूप में शिवसेना के सदस्य गोपीकिसन बाजोरिया, राकांपा के सदस्य अनिकेत तटकरे, कांग्रेस सदस्य सुधीर तांबे, भाजपा सदस्य अनिल सोले और निर्दलीय सदस्य दत्तात्रय सावंत की नियुक्ति की गई है। सोमवार को विधान परिषद में सभापति रामराजे नाईक-निंबालकर ने सदन के तालिका सभापति की घोषणा की। बजट सत्र के दौरान सभापति की गैर मौजूदगी में सदन चलाने की जिम्मेदारी तालिका सभापति पर होती है।
सदस्यों को नहीं मिल सका लैपटॉप
प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद महाविकास आघाड़ी सरकार बने तीन महीने हो गए हैं लेकिन महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्यों को मौजूदा विधानमंडल सत्र के दौरान लैपटॉप मिलने के आसार नज़र नहीं आ रहे हैं। विधान परिषद के सदस्यों को साल 2017 के बजट सत्र में लैपटॉप उपलब्ध कराया गया था। हालांकि अधिकांश विधान परिषद सदस्य लैपटॉप के इस्तेमाल को लेकर उत्साहित नहीं दिखते। विधान परिषद के 78 सदस्यों में से मुश्किल से 10 प्रतिशत सदस्य ही लैपटॉप का इस्तेमाल करते हैं। इस अनुभव को देखते हुए राज्य विधानमंडल विधानसभा के सदस्यों को लैपटॉप उपलब्ध कराने में हिचक रहा है। हालांकि प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री अनिल परब ने दोनों सदनों में लैपटॉप उपलब्ध होने के संबंध में विधानमंडल के अफसरों से पूछताछ की है।
विधानमंडल के एक अधिकारी ने 'दैनिक भास्कर' से बातचीत में कहा कि मौजूदा बजट सत्र के दौरान यदि सरकार की ओर से लैपटॉप खरीदने को लेकर प्रस्ताव मांगा जाता है तो हम सरकार को प्रस्ताव सौंप देंगे। अधिकारी ने कहा कि विधानसभा में कुल 289 सदस्य हैं। इसके अलावा विधानसभा में कामकाज करने वाले अफसरों को भी लैपटॉप उपलब्ध कराना पड़ेगा। विधानसभा के लिए लगभग 300 लैपटॉप खरीदने पड़ेंगे। सूत्रों के अनुसार विधानसभा सदस्यों के लिए 300 लैपटॉप खरीदने के लिए करोड़ों रुपए खर्च होंगे। प्रदेश सरकार की माली हालत भी बहुत अच्छी नहीं है। इसके मद्देनजर विधानमंडल सचिवालय लैपटॉप खरीदने का फैसला बहुत ही सोच समझकर करना चाहता है।
इससे पहले साल 2017 में विधान परिषद के सदस्यों को लैपटॉप उपलब्ध कराया गया था। उस समय विधानमंडल सचिवालय की परिकल्पना सदन का कामकाज पेपरलैस करने की थी। विधानमंडल अधिवेशन में दोनों सदनों में पूछे जाने वाले सवाल और संबंधित विभागों की ओर से दिए जाने वाले जवाब समेत सदन के कामकाज के विभिन्न प्रस्ताव ऑनलाइन मंगाए जाते हैं लेकिन प्रश्नकाल के लिखित जवाब, विभिन्न प्रस्तावों पर सरकार की ओर से दिए जाने वाले लिखित जवाब और विधेयक की प्रतियां अभी भी प्रिंट करके सदन में बांटी जाती हैं।
Created On :   24 Feb 2020 7:15 PM IST