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सहायक संचालक और आपरेटर 1.40 लाख की रिश्वत लेते हुए पकड़े गए
डिजिटल डेस्क सिवनी । जबलपुर लोकायुक्त पुलिस ने शनिवार दोपहर को अन्य पिछड़ा वर्ग विभाग के सहायक संचालक विशाल श्रीवास और उसके आपरेटर ब्रजेश भार्गव को 1.40 लाख की रिश्वत लेते हुए पकड़ा है। दोनों ही लोगों पर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जाच पड़ताल शुरु कर दी है। लोकायुक्त के डीएसपी जेपी वर्मा ने बताया कि जबलपुर निवासी मनीष शर्मा का सिवनी में मीनाक्षी पैरामेडिकल कॉलेज है। यहां के 96 विद्यार्थियों की वर्ष 2016-17 में करीब 17 लाख की छात्रवृत्ति के भुगतान के लिए शर्मा ने श्रीवास से सपंर्क किया। तब उन्होंने दो लाख रुपए की रिश्वत मांगी। इसको लेकर पांच अप्रैल को शर्मा ने लोकायुक्त में शिकायत की।भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारी छात्रवृत्ति के भुगतान के लिए रिश्वत की मांग करते है और न देने वालों को हद दर्जे तक परेशान किया जाता है ।
कंट्रोल ट्रेप कर पकड़ा
श्रीवास ने रिश्वत लेने के लिए अपने आपरेटर को एक निजी होटल के पास भेजा था। जैसे ही पैसे उसने लिए तभी उसे लोकायुक्त ने पकड़ लिया। यह रकम पाने के लिए श्रीवास ने आपरेटर को बताया कि वह पैसा उसके बारापत्थर स्थित रिश्तेदार के यहां भेज दे। टीम ने योजना बनाकर श्रीवास को बारापत्थर बुलवा लिया। जैसे ही वह पैसे लेता तभी उसे भी पकड़ लिया गया। हालांकि इस पूरे मामले को लेकर श्रीवास ने उसे साजिश के तहत फंसाने की बात कही है। सहायक आयुक्त श्रीवास हाल ही में नई नियुक्ति पर सिवनी आए हैं।
चलता है फर्जीवाड़ा
गौरतलब है कि निजी स्कूल काजेजों में छात्रवृत्ति के नाम पर लंबा चौड़ा फर्जीवाड़ा किया जाता है । और यह पूरा खेल सरकारी महकमें के अधिकारयिों कर्मचारियों की मिलीभगत पर ही होता है । भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारी छात्रवृत्ति के भुगतान के लिए रिश्वत की मांग करते है और न देने वालों को हद दर्जे तक परेशान किया जाता है । इसका खामियाजा ईमानदार लोगों को भुगतना पड़ता है ।
Created On :   7 April 2018 7:48 PM IST