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केन्द्रीय मंत्रिमंडल में बढ़ेगा आठवले और अनुप्रिया का कद, शिंदे गुट को मिल सकते हैं दो मंत्री पद
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली, अजीत कुमार। बिहार में नीतीश कुमार के पाला बदलने के बाद भाजपा अब अपने बचे हुए सहयोगी दलों को थामने और नए साथी जोड़ने में जुटी है। दरअसल एक-एक कर कई सहयोगियों के छिटकने के बाद भाजपा पर साथी दलों को खत्म करने का आरोप लग रहा है। लिहाजा पार्टी अब इस धारणा को हर हाल में तोड़ना चाहती है। इसके तहत मौजूदा सहयोगी दलों की सत्ता में भागीदारी बढ़ाने और नए दलों को जोड़ने पर तेजी से काम हो रहा है। महाराष्ट्र में उद्धव सरकार के गिरने के बाद भाजपा को अब शिवसेना शिंदे गुट से काफी उम्मीदें हैं। प्रदेश की 48 लोकसभा सीटों के मद्देनजर शिंदे गुट को ‘ताकत’ देना वक्त की मांग है। भाजपा के सूत्र बताते हैं कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में शिंदे गुट को दो मंत्री पद (एक कैबिनेट और एक राज्य मंत्री) मिलना लगभग तय है। हाल ही में शिंदे गुट के सांसद प्रतापराव जाधव को शशि थरूर की जगह सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी संसद की स्थायी समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। लोजपा (रामविलास) के चिराग पासवान और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सांसद हनुमान बेनीवाल को राजग में शामिल कराने को लेकर चर्चा अंतिम दौर में है।
दरअसल 2024 के आम चुनाव की तैयारी में जुटी भाजपा नहीं चाहती कि सहयोगी दलों के साथ ‘टकराव वाला संदेश’ बाहर जाए। जानकारी के मुताबिक आगामी दिसंबर में केन्द्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार होगा, जिसमें मौजूदा सहयोगी दल के दो मंत्रियों रिपब्लिकन पार्टी के रामदास आठवले और अपना दल की अनुप्रिया पटेल का ओहदा बढ़ेगा। फिलहाल ‘राज्य मंत्री’ के रूप में काम कर रहे इन दोनों को ‘स्वतंत्र प्रभार’ का दर्जा मिल सकता है। भाजपा के लिए आठवले महाराष्ट्र की राजनीति में मुफीद हैं तो वहीं अनुप्रिया को आगे कर पूर्वी उत्तरप्रदेश के ओबीसी (कुर्मी) समाज में नीतीश कुमार की बढ़ती पैठ पर लगाम लगाने की तैयारी है।
चिराग और आरसीपी की भी लगेगी लॉटरी
भाजपा रामविलास पासवान की विरासत की राजनीति कर रहे उनके बेटे चिराग पासवान और भाई पशुपति पारस को राजग की छतरी के नीचे लाने जा रही है। पशुपति अभी मोदी मंत्रिमंडल में मंत्री हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की चिराग और पशुपति से एक दौर की बातचीत हो चुकी है। लोजपा के प्रवक्ता अजय पांडेय ने भी कहा कि बातचीत जारी है। भाजपा के एक नेता ने बताया कि चिराग को केंद्र में मंत्री बनाने पर सहमति बन गई है। चिराग को रामविलास पासवान का असली उत्तराधिकारी मान रही भगवा पार्टी की नजर बिहार के 6 फीसद दलित वोटबैंक पर है। वैसे भी महागठबंधन में नीतीश की मौजूदगी के बाद चिराग को भी भाजपा की दरकार है। पिछले दिनों सूरत में हुए राजभाषा सम्मेलन में अमित शाह और चिराग पासवान की मौजूदगी भी काफी कुछ कहती है। सूत्र बताते हैं कि नीतीश कुमार के वोटबैंक में सेंध लगाने के लिए जदयू के पूर्व नेता आरसीपी सिंह को फिर मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी।
Created On :   6 Oct 2022 6:54 PM IST