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एट्रोसिटी मामला : परमबीर सिंह को मिली राहत, 9 जून तक गिरफ्तारी पर लगी रोक
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि वह जाति उत्पीड़न (एट्रोसिटी) से जुड़े मामले में पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परमवीर सिंह को 9 जून 2021 तक गिरफ्तार नहीं करेंगी।बशर्ते सिंह इस मामले की जांच में सहयोग करें। इसके साथ ही वे इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत की मांग नहीं करेंगे। राज्य सरकार की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता डेरियस खम्बाटा ने अवकाशकालीन न्यायमूर्ति एस एस शिंदे व न्यायमूर्ति एन आर बोरकर की खंडपीठ के सामने उपरोक्त आश्वासन दिया। खंडपीठ के सामने सिंह की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई चल रही हैं। याचिका में सिंह ने अकोला में तैनात पुलिस निरीक्षक भीमराव घाडगे की ओर दर्ज कराई गई एफआईआर को रद्द करने की मांग की है।पिछले सप्ताह सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया था कि जब से उन्होंने ने राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा तब से राज्य सरकार की ओर से उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। उनके खिलाफ लगातार एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। इसलिए इस पूरे मामले की जांच को दूसरेराज्य में स्थानांतरित किया जाए। इसके अलावा प्रकरण की जांच सीबीआई को सौंप दी जाए।इसके मद्देनजर खम्बाटा ने कहा कि सिंह को हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट दोनों जगह से राहत मांगने की छूट नहीं दी जा सकती है।
सुप्रीम कोर्ट न जाने का निर्देश
मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने गिरफ्तारी को लेकर दिए गए आश्वासन को स्वीकार कर लिया और सिंह को इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट से राहत न मांगने का निर्देश दिया। सिंह की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर नहीं जाएंगे। वहीं घाडगे के वकील सतीश तलेकर ने सिंह को राहत देने का का विरोध किया। इस पर खंडपीठ ने कहा कि जाति उत्पीड़न का मामला साल 2016 का है। आपके मुवक्किल(घाडगे) ने मामले को लेकर इतना इंतजार किया है। दो सप्ताह और इंतजार करने में क्या हो जाएगा?
अभी भी पुलिस दल का हिस्सा हैं परमबीर
खंडपीठ ने कहा कि सिंह अभी भी सेवा में है वे राज्य के पुलिस दल का हिस्सा हैं। हालांकि खंडपीठ ने सिंह द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में यह कहने पर नाराजगी जाहिर की की उनके मामले की हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं हो रही है। फिलहाल अकोला में तैनात पुलिस निरीक्षक घाडगे ने अकोला में जातिउत्पीडन के मामले को लेकर जीरो एफआईआर दर्ज कराई है।इस एफआईआर को जांच के लिए ठाणे में स्थानांतरित किया जाएगा। क्योंकि घटना ठाणे में घटित हुई है।
Created On :   24 May 2021 8:03 PM IST