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एटीएस ने योगी आदित्यनाथ और आरएसएस के नेताओं का नाम लेने के लिए धमकाया
डिजिटल डेस्क, मुंबई। साल 2008 के मालेगांव बम धमाके के मुकदमे की सुनवाई के दौरान मंगलवार को उस समय नया मोड आ गया जब प्रकरण से जुड़े एक गवाह ने मंगलवार को मुंबई में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत में दावा किया कि आतंक वाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने उसे इस मामले में उत्तर प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चार नेताओं का नाम लेने के लिए धमकाया था। बता दे कि वर्तमान में उगाही से जुड़े कई मामलों का सामना कर रहे पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परमवीर सिंह तत्कालीन समय में एटीएस के अतिरिक्त आयुक्त पद पर तैनात थे। और वे इस मामले की जांच को देख रहे थे।
कोर्ट में चौकानेवाले यह खुलासा करनेवाले गवाह का बयान एटीएस ने उस वक्त दर्ज किया था। जब उसने इस मामले की जांच की थी। एटीएस के बाद इस मामले की जांच एनआईए को सौप दी गई थी।
न्यायाधीश के सामने अपनी गवाही के दौरान गवाह ने कोर्ट को बताया कि एटीएस के तत्कालीन वरिष्ठ अधिकारी परमबीर व अन्य अधिकारियों ने उसे इस मामले में उत्तर प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व आरएसएस के चार नेताओं का नाम लेने के लिए धमकाया था। ताकि इस मामले में इन्हें गलत तरीके से फंसाया जा सके। आरएसएस के नेताओं में एक नाम इंद्रेश कुमार का भी शामिल था। गवाह ने कहा कि उसे एटीएस ने प्रताड़ित भी किया था और अवैध तरीके से एटीएस के कार्यालय में बैठाया गया था। मामले से जुड़े गवाह द्वारा एटीएस पर आरोप लगाने व एटीएस के सामने ऐसा कोई बयान न देने के चलते के चलते कोर्ट ने गवाह को होस्टाइल (बयान से मुकरनेवाला) घोषित कर दिया।
गौरतलब है कि अब तक इस मामले में 220 गवाहों की गवाही हो चुकी है। जिसमें से 15 गवाह अपने बयान से मुकर चुके है। मुंबई से दो सौ किमी की दूरी पर स्थित मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को हुए बम धमाके में 6 लोगों की मौत हो गई थी।जबकि सौ लोग घायल हो गए थे। मालेगांव में एक मस्जिद के निकट मोटरसाइकिल में विस्फोटक समाग्री रखी गई थी। इस मामले में भोपाल से भारतीय जनता पार्टी की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर,कर्नल प्रसाद पुरोहित,सुधाकर द्विवेदी,सेवा निवृत्त मेजर रमेश उपाध्याय, अजय रहिरकर,सुधाकर चतुर्वेदी व समीर कुलकर्णी को आरोपी बनाया गया है। ये सभी आरोपी फिलहाल जमानत पर है। इन सभी आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता व अवैध गतिविधि प्रतिबंधक कानून की धाराओं के तहत मुकदमा चल रहा है।
Created On :   28 Dec 2021 8:11 PM IST