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आयुष्मान योजना फर्जीवाड़ा: जाँच के लिए भेजे गए विजिटर डॉक्टर्स के हस्ताक्षर
डिजिटल डेस्क जबलपुर। राइट टाउन स्थित सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल में आयुष्मान योजना के तहत फर्जीवाड़ा कई स्तरों पर चल रहा था। जाँच में इस बात का खुलासा हुआ था कि अस्पताल में मरीजों की फाइलों में जिन विजिटर डाक्टरों के नाम थे उनका अस्पताल से कोई नाता ही नहीं था। इन डॉक्टरों की विजिट दर्शाकर बाकायदा मरीजों से पैसे वसूले गए हैं। फाइलों में इनके नाम के हस्ताक्षर भी मिले हैं, जो प्रथम दृष्टया फर्जी प्रतीत हो रहे हैं। इसी के चलते डॉक्टरों के हस्ताक्षरों के नमूने जाँच के लिए हैंडराइटिंग एक्सपर्ट के पास भोपाल भेजे गए हैं। ज्ञात है कि इस मामले में अस्पताल संचालक डॉ. दुहिता पाठक व उनके पति डॉ. अश्वनी पाठक अभी जेल में हैं।
सूत्रों के अनुसार किडनी अस्पताल में आयुष्मान योजना के तहत फर्जीवाड़ा होने की खबर पर छापा मारा गया था जिसमें अस्पताल के पास स्थित होटल वेगा में करीब 30 मरीज भर्ती मिले थे। कार्रवाई के दौरान इन मरीजों की फाइलें जब्त की गई थीं। जब्त की गई फाइलों में किडनी अस्पताल में बतौर विजिटर डॉक्टर के रूप में डॉ. संदीप भगत, पेथोलाजी रिपोर्ट में डॉ. वंदना बत्रा व डॉ. संतय तोतड़े के डिजिटल हस्ताक्षर होना पाया गया था। एसआईटी द्वारा इन तीनों डॉक्टरोंं के हस्ताक्षरों को जाँच के लिए भोपाल भेजा है। यह रिपोर्ट फर्जीवाड़े में महत्वपूर्ण सबूत के रूप में कोर्ट में प्रस्तुत की जाएगी। इस मामले में मंगलवार को एसआईटी ने किडनी अस्पताल के एकाउंटेंट व सीए से पूछताछ कर बयान दर्ज किए हैं।
Created On :   20 Sept 2022 11:13 PM IST