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बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में तीन दिन से धधक रहा जंगल -मुख्यमंत्री ने घटना की जानकारी ली
मगधी गेट से बंद रही पर्यटकों की एंट्री, रिसोट्र्स को भी पहुंचा नुकसान
डिजिटल डेस्क उमरिया। होलिका दहन वाले दिन से बांधवगढ़ के बमेरा इलाके के जंगल में लगी आग तीन दिन भीतर सात रेंज में अलग-अलग स्थानों पर फैल चुकी है। पार्क प्रबंधन सहित प्रशासन के आग बुझाने के प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। इसके चलते जंगल में फैली आग ने बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कई किमी एरिया को अपनी जद में ले लिया है। कुछ रिसोट्र्स को भी आग से नुकसान पहुंचा है जबकि मंगलवार को आग के मगधी पर्यटन रूट की तरफ बढऩे की वजह सके, यहां से पर्यटकों की एंट्री रोकनी पड़ी। यही नहीं सोमवार को उमरिया से मानपुर गई बिजली सप्लाई भी बाधित रही।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज वन विभाग के अधिकारियों से बांधवगढ़ वन क्षेत्र में आग लगने की घटना की जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि कहीं कोई वन्य प्राणी की मृत्यु या अन्य हानि हुई हो तो संबंध में आवश्यक कार्रवाई करें। प्रमुख सचिव,वन ने जानकारी दी कि अग्नि की घटनाओं पर नियंत्रण कर लिया गया है। किसी भी तरह की हानि नहीं हुई है । किसी वन्य प्राणी की मृत्यु भी नहीं हुई है। प्रमुख सचिव,वन ने बताया कि वन विभाग के दल तैनात हैं। आग लगने के कारणों को ज्ञात कर नियंत्रण के लिए एक कार्य योजना भी तैयार की गई है।मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्य योजना के क्रियान्वयन के निर्देश दिए। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री मनीष रस्तोगी उपस्थित थे।
तीन दिन में सात रेंज में फैली आग
हासिल जानकारी के मुताबिक रविवार 28 मार्च की दोपहर पतौर रेंज के बमेरा में आग लगने की पार्क प्रबंधन को सूचना मिली। वह इस पर काबू पाने कुछ कर पाता पहले पनपथा और फिर खितौली, मानपुर, धमोखा, ताला व मगधी के कोर एरिया समेत बफर जोन में आग फैल गई। मंगलवार को आग के मगधी पर्यटन रूट की तरफ बढऩे और उससे पर्यटकों व वन्य प्राणियों के जीवन को खतरा महसूस करते हुए इस गेट को दिन भर बंद रखा गया। इधर बीटीआर प्रबंधन ने कलेक्टर से दमकल वाहन को आपातकालीन स्थिति में उपलब्ध कराने तथा फिलहाल इन्हें ताला में ही रखे जाने की मांग की है।
कारण बहुत लेकिन दावा किसी पर नहीं
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के जंगल में जैसे-जैसे आग का दायरा बढ़ता जा रहा है, आग लगने के संभावित कारणों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। पहले आग लगने की वजह बांस में आपस में होने वाले घर्षण के चलते सूखे बासों से आग फैलने की बात सामने आई। उसके बाद कहा जाने लगा कि महुआ बीननेे जंगल में पहुंच रहे ग्रामीणों द्वारा रात में भालू के हमले से बचने जो आग लगाई जाती है, उससे आग फैली। वहीं खितौली, पनपथा व पतौर रेंज में आगे फैलते ही यह कहा जाने लगा कि जंगली हाथियों के उत्पात से परेशान लोगों में से किन्हीं शरारती तत्वों ने बदले की भावना में जानबूझ कर आग लगाई। आग लगने का सटीक कारण पार्क प्रबंधन और प्रशासन के पास फिलहाल नहीं है।
********** सभी रेंज में स्थिति नियंत्रण में है। आग से वन्य जीवों या किसी पर्यटक को कोई नुकसान नहीं हुआ है। आग अलग-अलग रेंज में अलग-अलग समय, अलग-अलग स्थानों पर लगी है। आग लगने के कारण बहुत हो सकते हैं लेकिन फिलहाल हमारा जोर आग को आगे बढऩे से रोकने और इसे बुझाने पर है। हमारा पूरा अमला आग नियंत्रित करने के कार्यों में लगा हुआ है।
- विंसेट रहीम , फील्ड डायरेक्टर (बीटीआर)
Created On :   31 March 2021 2:07 PM IST