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अपात्रों को 96 करोड़ का कर्ज देने वाला बैंक अधिकारी गिरफ्तार
डि़जिटल डेस्क, मुंबई। फर्जी कागजात के आधार पर अपात्र लोगों और कंपनियों का कर्ज मंजूर कर 96 करोड़ रुपए का चूना लगाने के आरोप में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने सिटी कोआपरेटिव बैंक के 79 वर्षीय पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी का नाम रमेश शिरगावकर है। शिरगावकर के साथ पुलिस ने राजन सावंत नाम के कारोबारी को भी दबोचा है जिसने फर्जी कागजात के आधार पर बैंक से 11 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। छानबीन में खुलासा हुआ है कि शिरगावकर ने मिलीभगत कर 56 अपात्र लोगों के कर्ज मंजूर किए जिससे बैंक के 96 करोड़ 5 लाख रुपए डूब गए। आरोप है कि शिरगावकर ने कर्ज मंजूर करने से पहले आरोपियों के दस्तावेजों की सही तरीके से जांच नहीं की और जरूरी प्रक्रिया पूरी नहीं की। सावंत को मंजूर किए गए कर्ज की फाइल देखने पर ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने पाया कि फाइल में कोआपरेटिव सोसायटी के शेयर सर्टिफिकेट, गिरवी रखने के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) और इमारत के निर्माण की मंजूरी जैसे जरूरी दस्तावेज थे ही नहीं। दूसरे लोगों का कर्ज मंजूर करने में भी इसी तरह की गड़बड़ी की गई थी। गिरवी रखने के लिए संपत्तियों के फर्जी कागजात तैयार किए गए इसके अलावा गिरवी रखी संपत्तियों की कीमत बढ़ा चढ़ा कर दिखाई गई। गिरफ्तारी के बाद दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जहां से उन्हें आर्थिक अपराध शाखा की हिरासत में भेज दिया गया है। बता दें कि साल 2014-15 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा कराए गए ऑडिट में बैंक में अनियमितता का खुलासा हुआ था। बैंक की आंतरिक जांच में 2018 में एनपीए के 147 मामले सामने आए थे।
Created On :   18 May 2022 9:29 PM IST