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बैंक के सफाई कर्मी ने ATM चोरी कर ग्राहकों को लगाया चुना

डिजिटल डेस्क सतना। एसबीआई की नागौद शाखा के सफाई कर्मी ने फौजी को 80 हजार की चपत लगाने के साथ-साथ एमपीईबी के लाइनमैन को 1 लाख 62 हजार का चूना लगाया था। इस रकम में से मास्टर माइंड ने बैंक से लिया 1 लाख का लोन चुकाया था तो अपने साथियों को भी मोटा हिस्सा दिया था। पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद आरोपियों ने अपनी कारस्तानी का चि_ा खोलकर रख दिया। उक्त जानकारी देते हुए टीआई सज्जन सिंह परिहार ने बताया कि रहिकवारा निवासी सेना के जवान रामअभिलाष पांडेय के खाते से 75 हजार 5 सौ रूपए उड़ाने के अलावा सफाई कर्मी विकास कुशवाहा पुत्र रामचरण 25 वर्ष निवासी इन्द्रा नगर नागौद के हौसले बुलंद हो गए थे फिर उसने दूसरा शिकार भाजीखेरा निवासी विद्युतकर्मी विश्राम कुशवाहा पुत्र कन्छेदीलाल 58 वर्ष को बनाया। जिसका एटीएम भी पोस्ट ऑफिस द्वारा सही पते पर पहुंचाए न जाने के कारण लौटा दिया गया था। आरोपी ने विश्राम का एटीएम चोरी कर पिन कोड बना लिया और अपने चचेरे भाई जगन्नाथ कुशवाहा पुत्र लक्ष्मी प्रसाद 19 वर्ष निवासी इन्द्रा नगर नागौद और रिश्तेदार रूपचंद कुशवाहा पुत्र जगदीश 23 वर्ष निवासी पन्ना की मदद से अलग-अलग एटीएम बूथ से 2 जनवरी 18 से 20 जनवरी के बीच 1 लाख 62 हजार रूपए निकलवा लिए। पहले तो विद्युतकर्मी को कुछ पता नहीं चला पर जब रूपए निकालने बैंक पहुंचा तो खाते में बैलेंस न होने की बात सामने आई जिससे विश्राम के होश उड़ गए। उसने प्रबंधक से जानकारी मांगी, लेकिन वहां से मदद नहीं मिली, तब विद्युतकर्मी ने पुलिस की शरण ली थी।
चुकाया बैंक का लोन
लाइनमैन के खाते से बड़ी रकम उड़ाने के बाद शातिर आरोपी ने बैंक से लिया गया 1 लाख का लोन चुकाया और शेष रकम साथियों में बांट दी, दो बार सफल हो जाने से उसके हौंसले काफी बढ़ गए थे। लिहाजा अगली वारदात की योजना बनाने लगा, लेकिन तब तक दोनों पीडि़तों ने पुलिस को आपबीती से अवगत करा दिया। लिहाजा नागौद टीआई ने वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर जांच शुरू कर दी और बैंक प्रबंधन की मदद से जालसाजों तक पहुंच गए।
जीत लिया था भरोसा
वर्ष 2015 से बैंक में सफाई का काम कर रहे विकास ने मैनेजर से लेकर प्रत्येक कर्मचारी का भरोसा जीत लिया था, वह बैंक में कहीं भी आ जा सकता था। इसी बात का फायदा उठाकर आरोपी अपनी योजना में सफल हो गया, वह पोस्ट ऑफिस द्वारा ग्राहकों तक न पहुंचाए जाने वाले एटीएम बैंक में लौटने पर चोरी कर लेता और दोनों रिश्तेदारों की मदद से रूपए निकलवाकर बांट लेता था। इस प्रकरण में बैंक के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत हो सकती है जिसको देखते हुए पुलिस गंभीरता से जांच कर रही है। पुलिस ने आईपीसी की धारा 420, 381 के तहत कायमी कर शनिवार को आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
Created On :   29 Jan 2018 1:03 PM IST