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प्रतिबंधित थाईलैंड की मांगुर मछली की खेप शहर पहुँची- दो ट्रकों में भरी थी 6.8 टन मछली
डिजिटल डेस्क जबलपुर।थाईलैंड की प्रतिबंधित प्रजाति की मांगुर मछली की दूसरे प्रदेशों से तस्करी कर शहर में लाकर खपाया जा रहा था। सुबह दो ट्रकों में भरकर मांगुर मछली की खेप शहर में लाए जाने की सूचना मिलने पर पुलिस ने खजरी खिरिया बायपास के पास छापा मारा और दो ट्रकों को पकड़ा। जाँच करने पर ट्रकों के अंदर रखे कंटेनरों में भरकर रखी गयी करीब 6.8 टन मांगुर मछली जब्त की गयी है। प्रारंभिक जाँच में पता चला है कि शहर में मांगुर मछली का कारोबार लंबे समय से चल रहा था।
सूत्रों के अनुसार पुलिस अधिकारियों को मुखबिर से सूचना मिली थी कि प्रतिबंधित मांगुर मछली की खेप जबलपुर पहुँची है और ट्रकों में रखे कंटेनरों से उतारी जा रही है। उक्त सूचना पर डीएसपी तुषार सिंह के नेतृत्व में एक पुलिस टीम ने खजरी खिरिया बायपास पर छापा मारा और ट्रक क्रमांक एमपी 20 एचबी 2584 व एपी 16 टीबी 9555 को अपने कब्जे में लिया। ट्रकों की तलाशी लेने पर उस पर छोटे-बड़े कंटेनर रखे हुए थे उनमें मांगुर मछली भरी हुई थी। कार्रवाई के दौरान पुलिस द्वारा खाद्य व फिश विभाग को सूचना दी गयी और मछली का वजन कराए जाने पर 6.8 टन मछली निकली जिसकी कीमत लाखों रुपये बताई जा रही है। जाँच में पता चला है कि आसिफ अंसारी और दिनेश कश्यप साझेदारी में मछली का कारोबार करते हैं और उनके द्वारा मछली की खेप यहाँ बुलाई गयी थी।
बांग्लादेश से होती है सप्लाई
जानकारों के अनुसार थाईलैंड में मांगुर मछली की प्रजाति को प्रतिबंधित कर दिया गया है। उसके बावजूद इसका कारोबार बंद नहीं हुआ है। वर्तमान में मांगुर मछली की तस्करी बांग्लादेश से होती है और फिर हैदराबाद, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र से इसकी तस्करी देश के अन्य हिस्सों में होती है।
माँसाहारी होती हैं मछलियाँ
जानकारों का कहना है कि थाईलैंड की मांगुर मछलियाँ माँसाहारी होती हैं, इस प्रजाति की मछली जिस नदी या तालाब में रहती हैं वहाँ के पानी में पलने वाले अन्य जीवों व वनस्पतियों का यह भक्षण कर लेती हैं। यह गंदे पानी में भी जल्दी पनप जाती हैं और इंसान को भी खा लेती हैं। इसी के चलते एनजीटी ने इस प्रजाति की मछली का पालन और व्यवसाय पूर्णत: प्रतिबंधित कर दिया था, इसके बावजूद इसका कारोबार बड़े पैमाने पर चल रहा है।
Created On :   3 Dec 2019 6:31 PM IST