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20 किमी से पहले कोई चिकित्सालय नहीं, गंभीर हालत के मरीज तो रास्ते में ही तोड़ देंगे दम
इंडस्ट्रियल एरिया के हाल - मनेरी के किसी प्लांट में कोई हादसा हो जाए तो प्राथमिक उपचार तक की सुविधा नहीं
डिजिटल डेस्क जबलपुर । शहर से 33 किलोमीटर की दूरी पर स्थित औद्योगिक क्षेत्र मनेरी की उपेक्षा को लेकर न केवल उद्योग विभाग के अधिकारी बल्कि जनप्रतिनिधि भी जिम्मेदार माने जा रहे हैं। इस क्षेत्र की उपेक्षा का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अगर यहाँ के किसी प्लांट में कोई हादसा हो जाए तो घायल की जान बचाना तो दूर प्राथमिक उपचार तक मिलना संभव नहीं है। हालात इतने बदतर हैं कि मनेरी से 20 किलोमीटर से पहले कोई चिकित्सालय नहीं है। अगर हादसे में कोई गंभीर रूप से घायल हो जाए तो या तो बरेला या फिर सीधे जबलपुर स्थित अस्पताल लाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है और इतनी दूर लाने के दौरान शायद ही घायल की जान बच पाए। गौरतलब है कि पिछले दिनों औद्योगिक क्षेत्र मनेरी की एक यूनिट में ब्लास्ट से 1 श्रमिक की मौत और 6 श्रमिकों के घायल होने के बाद से ही यहाँ चिकित्सीय सुविधा न होने को गंभीरता से लिया जा रहा है। इस पूरे क्षेत्र में एक छोटी से डिस्पेंसरी तक नहीं है जहाँ मलहम-पट्टी तक की जा सके। यहाँ यूनिट लगाने वाले अब उद्योग विभाग से इस बात की गुहार लगा रहे हैं कि औद्योगिक क्षेत्र में एक उपचार केंद्र होना जरूरी है।
80 यूनिट, 2 हजार से अधिक श्रमिक
मनेरी में करीब 80 यूनिटें काम कर रही हैं। जिनमें कुशल से लेकर अकुशल श्रमिकों की संख्या करीब 2 हजार के आसपास है। यहाँ स्क्रैप से लेकर पाइप बनाने, फूड प्रोसेसिंग व अन्य बड़े उपकरणों की फैक्ट्रियाँ हैं। जहाँ कभी भी किसी बड़े हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता है। डेढ़ साल में दो बड़े हादसे इस बात के गवाह हैं कि घायलों को प्राथमिक उपचार के लिए पहले बरेला फिर जबलपुर के अस्पताल तक लाना पड़ा था। इस क्षेत्र के श्रमिकों के लिए बड़े दुर्भाग्य की बात यह है कि अगर रात में कोई हादसा हो जाए तो बरेला में भी उपचार मिलना संभव नहीं फिर तो सीधे जबलपुर के अस्पताल में ही उपचार मिल सकता है।
37 साल में भी सुविधा नहीं
मनेरी में इकाई लगाने वालों का कहना है कि 37 साल में भी इस क्षेत्र की तस्वीर नहीं बदल सकी है। यहाँ के जो हालात एक यूनिट के दौरान थे, वही अब 80 यूनिटें लगने के बाद भी हैं। यहाँ अस्पताल की माँग को लेकर उद्योग विभाग से लेकर शासन स्तर पर भी अनेक बार प्रयास किए गए मगर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इतने बड़े औद्योगिक क्षेत्र को सुविधाविहीन रखे जाने से यहाँ कोई नया उद्योग भी नहीं लग पा रहा है।
इनका कहना है
* सरकार द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने के कारण यह क्षेत्र उपेक्षित है। यहाँ एक डिस्पेंसरी तक नहीं है। इलाज के लिए बरेला या फिर जबलपुर आना पड़ता है।
- रवि गुप्ता, उद्योगपति
Created On :   1 March 2021 2:44 PM IST