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नो-इन्ट्री में घुसे बेलगाम ट्रक ने ऑटो को मारी ठोकर - बाल-बाल बचे 6 सवार

डिजिटल डेस्क सतना। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के खाद्यान्न परिवहन की आड़ में जिला मुख्यालय में यमदूत बन कर घूम रहे एक बेलगाम ट्रक-एमपी -19एचए -8955 ने शुक्रवार को दोपहर 4 बजे यहां के व्यस्ततम सर्किट हाउस चौक में स्टेशन की ओर से आ रहे एक ऑटो नंबर-एमपी-9 आर 6612 को इतनी जोर की ठोकर मारी की ऑटो रिक्शा गेंद की तरह उछल कर डिवाइडर में अटक गया। माना जा रहा है कि अगर ऑटो पलटने पाता तो बड़ा हादसा हो सकता था। इस अप्रत्याशित सड़क हादसे से भयभीत सवारियां भाग खड़ी हुईं। प्रत्यक्षर्दियों ने बताया कि हादसे के वक्त ऑटो में ड्राइवर के अलावा 6 यात्री सवार थे।
क्यों आई ये नौबत
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि शुक्रवार को दोपहर 4 बजे के करीब सर्किट हाउस चौक पर तैनात एक यातायात कर्मी ने ग्रीन सिग्नल होते ही जैसे ही ऑटो को आगे बढऩे का इशारा किया,वैसे ही नो इन्ट्री तोड़कर ओवर ब्रिज की ओर से सेमरिया चौक की तरफ जा रहा तेज रफ्तार ट्रक नंबर एमपी -19 एचए -8955 मौके पर पहुंच गया। ट्रक ने ऑटो को किनारे से जोर की ठोकर मारी। गनीमत थी, बगल में डिवाइडर था। मौके पर मौजूद यातायात कर्मी पहुंचे और अंतत: ट्रक को जाने दिया गया।
नहीं थी नो-इन्ट्री की छूट : 16 दिसंबर को खत्म हो गई थी अवधि
नो-इन्ट्री तोड़कर शहर में घुसे इस ट्रक एमपी -19 एचए -8955 को शहर प्रवेश की प्रशासनिक अनुमति नहीं थी। उल्लेखनीय है, शहर को इसी किस्म के सड़क हादसों से बचाने के लिए सुबह 7 बजे से रात 10 बजे तक नो-इन्ट्री प्रभावी है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के खाद्यान्न परिवहन के लिए प्रशासन ने लगभग 100 ट्रक चिन्हित कर रखे हैं। शुक्रवार को हादसे के लिए जिम्मेदार इस ट्रक की विंड स्क्रीन पर पर अनुमति संबधी एसडीएम का आदेश तो चश्पा था,मगर इस अनुमति की अवधि 10 दिन पहले यानि 16 दिसंबर को ही खत्म हो चुकी थी। आरोप है कि बावजूद इसके सर्किट हाउस चौक पर तैनात यातायात पुलिस के कर्मचारियों ने ट्रक के खिलाफ कार्यवाही करने की जहमत नहीं उठाई।
पीडीएस की आड़ में दौड़ रहे हैं 100 ट्रक
हादसे के लिए जिम्मेदार ट्रक एमपी -19 एचए -8955 पर चश्पा एसडीएम के शहर प्रवेश की अनुमति संबंधी इस परवाने से साफ है कि शहर में 100 ऐसे ट्रक हैं,जिन्हें पीडीएस के खाद्यान्न परिवहन की सशर्त अनुमति 2 दिसंबर को दी गई थी, इस अनुमति की अवधि 16 दिसंबर को खत्म हो गई थी। इनमें 10 चका 74 और 12 चका के 26 ट्रक शामिल हैं। सवाल ये है कि जब नो इन्ट्री में प्रवेश की अनुमति खत्म हो गई थी तो फिर आखिर किसकी कृपा से ट्रक शहर के अंदर घुसा।
कहां गई, यातायात पुलिस की निगरानी
उल्लेखनीय है, तथ्य ये भी है कि एसडीएम ऐसे 100 ट्रकों को प्रवेश की अनुमति कई अहम शर्तों के साथ देते हैं। मसलन- इन्हें सुबह 11 बजे से 4 बजे तक ही शहर प्रवेश की अनुमति होती है। मगर, अनुमति की आड़ में पीडीएस के ट्रक दिन भर यमदूत बन कर शहर में फर्राटा भरते हैं। अनुमति की शर्त है कि ये ट्रक स्कूल क्षेत्र में बच्चों की छुट्टी के दौरान नहीं गुजर सकते हैं। मगर, इस नियम का भी पालन नहीं किया जाता है। नो-इन्ट्री से छूट की एसडीएम की एक बड़ी शर्त कहती है कि जब पीडीएस के ट्रक जैसे ही शहर के नो-इन्ट्री प्वाइंट पर पहुंचेंगे उन्हें शहर के अंदर यातायात पुलिस की निगरानी में गुजारा जाएगा? आखिर इस ट्रक के साथ इस शर्त का पालन क्यों नहीं किया गया? क्यों, नाक के नीचे हादसे के बाद भी इस ट्रक पर ट्रैफिक पुलिस ने दरियादिली दिखाई?
इनका कहना है :----
- इस ट्रक की नो-इन्ट्री में छूट से संबंधित जानकारी एसडीएम कार्यालय से ली जा रही है,अगर बगैर अनुमति ट्रक नो-इन्ट्री तोड़कर शहर के अंदर आया होगा तो कार्यवाही होगी।
हिमाली सोनी, डीएसपी ट्रैफिक
Created On :   28 Dec 2019 2:40 PM IST