ट्रांसफॉर्मर पर लिपट गई बेल, पल्ले टूटकर गिर रहे नीचे

Bell wrapped on transformer, falling down
ट्रांसफॉर्मर पर लिपट गई बेल, पल्ले टूटकर गिर रहे नीचे
ट्रांसफॉर्मर पर लिपट गई बेल, पल्ले टूटकर गिर रहे नीचे

बिजली अधिकारियों को सुध नहीं, लापरवाही से घट सकती है दुर्घटना
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
शहर भर में रोजाना मेंटेनेंस कर विद्युत लाइन सुधारने और ट्रांसफॉर्मर की क्षमता बढ़ाने के विद्युत अधिकारियों द्वारा दावे किए जा रहे हैं। इसके बाद भी शहर का पावर सिस्टम सुधर नहीं रहा है। आए दिन ट्रिपिंग और घंटों सप्लाई बंद होना आम बात हो गई है। इन दिनों जब उमस से हर कोई बेचैन है ऐसे में बार-बार सप्लाई बंद होने से आम आदमी बेचैन हो रहा है। इसकी एक बड़ी वजह ट्रांसफॉर्मरों का बराबर मेंटेनेंस न होना भी बताया जा रहा है। शहर में लगे अधिकांश ट्रांसफॉर्मर जर्जर स्थिति में हैं। बिजली अधिकारी परफॉर्मेंस बनाए रखने बंद और खराब ट्रांसफॉर्मरों की जानकारी सार्वजनिक नहीं करते हैं जिसका खामियाजा लोड कम होने पर आम लोगों को बार-बार बिजली गुल होने पर उठाना पड़ता है।
झाडिय़ों में ढक गए ट्रांसफॉर्मर
बताया जाता है कि बिजली अधिकारियों द्वारा मेंटेनेंस नहीं किए जाने के कारण ट्रांसफॉर्मरों के यह हाल है कि अधिकांश ट्रंासफॉर्मर के पल्ले टूटकर लटके हुए हैं जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। इतना ही नहीं शहर में कई जगह ऐसे  ट्रांसफॉर्मर भी देखे जा रहे हैं जो झाडिय़ों और बेल से ढक गए हैं जिनका सुधार तक किया जाना संभव नहीं है, मगर यह सब अधिकारियों को नजर नहीं आ रहा है। 
गाँव के हाल और बदतर 
 शहर के मुकाबले गाँव के हाल और बदतर हैं। गाँव में तो एक ट्रांसफॉर्मर के भरोसे कई घरों और खेतों के कनेक्शन जोड़े गए हैं। जहाँ लोड का कोई ख्याल नहीं रखा जा रहा है जिससे ट्रांसफॉर्मर खराब होने की संख्या भी ज्यादा होती है। गाँव में अगर एक बार ट्रांसफॉर्मर खराब हो जाए तो फिर उसे सुधरने या फिर बदलने में एक सप्ताह से पंद्रह दिन तक का समय लग जाता है। 
मुख्य बाजार में भी बिगड़ते हालात 
इन दिनों उमस और गर्मी देखते ही बन रही है। ऐसे में जहाँ एसी और कूलर का उपयोग ज्यादा हो रहा है। उससे पावर लोड भी बढऩे लगा है, मगर लोड के हिसाब से सर्वे कर ट्रांसफॉर्मरों की क्षमता में वृद्धि नहीं किए जाने के कारण फॉल्ट की समस्याएँ बढ़ गई हैं। खासकर मुख्य बाजारों में दिन भर एसी और कूलरों का उपयोग हो रहा है जिससे बिजली के हालात बिगडऩे लगे हैं।
 

Created On :   19 July 2021 4:44 PM IST

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