आसंदी छोड़कर मौके पर गई बैंच, जानी विकास कार्यों की हकीकत, अब कोर्ट में सुनाया जाएगा फैसला

Bench left on the spot, the reality of development works, now the verdict will be heard in court
आसंदी छोड़कर मौके पर गई बैंच, जानी विकास कार्यों की हकीकत, अब कोर्ट में सुनाया जाएगा फैसला
आसंदी छोड़कर मौके पर गई बैंच, जानी विकास कार्यों की हकीकत, अब कोर्ट में सुनाया जाएगा फैसला

हाईकोर्ट के इतिहास में पहली बार चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बैंच ने शैलपर्ण, तिलवारा, कठौंदा सहित पांच स्थानों पर किया मैराथन निरीक्षण
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
हाईकोर्ट के इतिहास के पन्नों में शनिवार को दिन हमेशा याद रखा जाएगा। पहली बार ऐसा मौका आया जब खुद चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने कोर्ट रूम की आसंदी को छोड़कर शहर में चल रहे विकास कार्यों का मौके पर जाकर मैराथन निरीक्षण किया। यह स्थल निरीक्षण एक तरह से सुनवाई का ही हिस्सा था। पांचों जगहों के हुए निरीक्षण के बाद बैंच कोर्ट में आगामी 24 फरवरी को होने वाली सुनवाई पर अपना फैसला सुनाएगी।
मदनमहल पहाड़ी के बाद क्या दूसरी पहाडिय़ां भी होंगी खाली
स्थान- शैलपर्ण उद्यान। समय सुबह 11:29 से दोपहर 12 बजे तक। शैलपर्ण उद्यान पहुंचकर चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बैंच को मदन महल पहाडिय़ों से हटाए गए अतिक्रमणों की पूरी जानकारी वीडियो प्रेजेन्टेशन के माध्यम से दी गई। नगर निगम के अधिवक्ता अंशुमान सिंह ने बताया कि पहाड़ी की 640 हैक्टेयर कुल जमीन पर 37 सौ अतिक्रमण चिन्हित किए गए, जहां से 3205 अतिक्रमण हट चुके हैं। शेष कार्रवाई जारी है। खाली हो चुकी जगहों पर फैन्सिंग करके पौधारोपण किया जा रहा है। साथ ही उसकी देखभाल के भी खास इंतजाम किए जा रहे हैं। इस दौरान वहां पर नगर निगम, स्मार्ट सिटी और जिला प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद थे। जस्टिस शुक्ला ने पूछा कि मदन महल पहाड़ी से लगा हुआ सैनिक सोसायटी का भी इलाका है। शहर में अन्य पहाडिय़ों पर निर्माण कार्य हुए हैं। उनके बारे में क्या किया जा रहा है। इस पर बैंच को बताया गया कि शेष पहाडिय़ों पर भी विधि अनुसार कार्रवाई की जाएगी। वहां से सीजे का काफिला रवाना हुआ और करीब 5 मिनिट तक उन्होंने चौहानी श्मशानघाट के पास चल रहे विकास कार्यों का भी जायजा लिया।
अभी सिर्फ स्थल निरीक्षण करेंगे, दलीलें व दावे कोर्ट में सुनेंगे
स्थान- तिलवारा। समय दोपहर 12:30 से दोपहर 12:51 बजे तक।
तिलवारा घाट पहुंचकर बैंच नदी के किनारे तक गई। नर्मदा मिशन व समर्थ गौर चिकित्सा केन्द्र के अध्यक्ष शिव यादव की ओर से दायर एक जनहित याचिका में नर्मदा तट पर हो रहे निर्माण कार्यों को चुनौती दी गई है। बैंच ने दयोदय में चल रहे निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। अधिवक्ता विजय पाण्डेय ने वहां का मानचित्र बैंच को दिखाया। इस दौरान अधिवक्ता विपुल वर्धन जैन ने भी निर्माण कार्य की जानकारी दी। वहां किए जा रहे दावों पर चीफ जस्टिस ने स्पष्ट किया कि वे अभी सिर्फ स्थल निरीक्षण करने आए हैं। जो भी दावे और दलीलें हैं, वो सब कोर्ट में सुनवाई के दौरान सुनीं जाएंगी। इसके बाद उन्होंने प्रशासन द्वारा चिन्हित हाई फ्लड लेवल देखा। उसके बाद वे नर्मदा मिशन के गौ सेवा केन्द्र भी गए। तिलवारा पर बने नए पुल के ऊपर से दयोदय में हो रहे निर्माण कार्य को देखा। महाधिवक्ता शशांक शेखर ने उन्हें नदी को लेकर विस्तार से जानकारी भी दीं।
यहां तो ठीक है, हमें वो जगह दिखाएं जहां सीवर लाइन बिछाई जा रही
स्थान- कठौंदा प्लान्ट। समय दोपहर 1:35 से दोपहर 1:53 बजे तक।
तिलवारा के निरीक्षण के बाद बैंच कठौंदा में बने 150 मेगावॉट के ट्रीटमेंट प्लान्ट को देखने पहुंचे। वहां पहुंचते ही बैंच व अन्य सभी को पहले सुरक्षा के लिहाज से मास्क पहनाया गया। वहां पर कंप्यूटर पर प्लान्ट से संबंधित पूरी जानकारी विस्तार से बताई गई। प्लान्ट का निरीक्षण करने के बाद चीफ जस्टिस ने कहा कि उन्हें वो इलाका दिखाया जाए, जहां पर अभी सीवर लाईन बिछाने का काम चल रहा है। कठौंदा से काफिला अधारताल के पास स्थित धनी की कुटिया के पास पहुंचा। चीफ जस्टिस ने निर्माण कार्य का अवलोकन किया। अदालत मित्र के रूप में सीवर मामले में पैरवी कर रहे अधिवक्ता अनूप नायर ने बताया कि किस तरह की खामियां इस काम में की जा रही हैं। सीवर के निरीक्षण के दौरान चीफ जस्टिस के चेहरे से साफ दिखा कि वे सीवर के काम से प्रसन्न नहीं है। वहां पर मौजूद स्थानीय लोगों से उन्होंने बात करके जाना कि लोगों को सीवर के काम से किस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसके बाद बैंच को विजय नगर में स्थित जेडीए की कॉलोनी ले जाया गया, जहां के घरों को सीवर लाईन से जोड़ा गया है।
 

Created On :   16 Feb 2020 12:32 PM GMT

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