भास्कर ऑन स्पॉट - पशु चिकित्सालय में पालतू पशुओं को लेकर भटकते दिखे लोग, न कोई सुनवाई हुई और न ही मिली मदद

Bhaskar on Spot - People seen wandering in veterinary hospital with pets, no help
भास्कर ऑन स्पॉट - पशु चिकित्सालय में पालतू पशुओं को लेकर भटकते दिखे लोग, न कोई सुनवाई हुई और न ही मिली मदद
भास्कर ऑन स्पॉट - पशु चिकित्सालय में पालतू पशुओं को लेकर भटकते दिखे लोग, न कोई सुनवाई हुई और न ही मिली मदद

 लोगों ने बयां की पीड़ा आप कितनी भी दूर से क्यों न आएँ हों, 1 घंटे बाद आना
डिजिटल डेस्क जबलपुर । प्र
देश के सबसे पहले वेटरनरी कॉलेज को विश्वविद्यालय का दर्जा मिले   एक दशक से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन अब तक यहाँ के सिविल लाइन स्थित वेटरनरी हॉस्पिटल के हालात सुधर नहीं पाए हैं। इसकी बानगी शुक्रवार को यहां देखने को मिली। दोपहर करीब साढ़े 12 बजे यहां कई लोग अपने डॉगी या अन्य पालतू पशुओं को लेकर भटकते हुए नजर आए। लोगों ने अपनी पीड़ा भी व्यक्त की। एक ने यह भी कहा कि हम दूर से आए हैं। यह बताने पर एक कर्मचारी ने जवाब दिया कि भले ही आप कितनी ही दूर से आए हैं अब लंच के बाद यानी एक घंटे तक इंतजार तो करना ही पड़ेगा।
यहाँ पहुँचने वाले पशु मालिकों ने यह भी आरोप लगाया कि पशु चिकित्सालय के जूनियर डॉक्टर पहले तो जानवरों का मर्ज समझ नहीं पाते हैं और संभावनों के आधार पर इलाज करते हैं, जब पशु की हालत ज्यादा खराब हो जाती है, तब बड़े डॉक्टर इन्हें देखते हैं लेकिन तब तक उनका पालतू पशु जान गंवा चुका होता है।  
ग्वारीघाट निवासी सुनील चौधरी के डॉग को डायरिया हो गया था, लंबे इंतजार के बाद डॉग को चतुर्थ ईयर के विद्यार्थियों ने ड्रिप लगाई। यहाँ चिकित्सालय में इलाज के लिए पशु मालिकों को खासी जद्दोजहद करनी पड़ती है। 
चिकित्सालय के पास नहीं है एम्बुलेंस 
सड़क पर घायल जानवरों को इलाज के लिए हॉस्पिटल लाने अस्पताल के पास एक भी एम्बुलेंस नहीं है। पशुपालक और आम राहगीरों को किराए पर वाहन लेकर जानवर को हॉस्पिटल तक लाना पड़ता है। विवि प्रशासन के अनुसार एम्बुलेंस की सुविधा देने के लिए जल्द ही प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा जाएगा। 
  * मेरे पालतू डॉग को खुजली हो रही है, लेकिन जैसे ही यहाँ आया। खिड़की बंद हो गई और कहा गया कि 1 घंटे बाद आना। मैं खमरिया से आया हूँ। 
आदित्य राजपूत 
* मूक जानवर अपनी तकलीफ बोल कर नहीं बता पाता, वो तो लक्षणों के जरिए अपने मालिकों को खुद के बीमार होने का संकेत देता है। समय से जानवरों का इलाज होना चाहिए। 
गरिमा ठाकुर
इनका कहना है
पंजीयन खिड़की समय से खुलनी और बंद होनी चाहिए। अस्पताल संबंधी जो भी शिकायतें होंगी, उनका निराकरण किया जाएगा।
-डॉ. एसके जोशी, कुलसचिव वेटरनरी विवि 
 

Created On :   6 Feb 2021 3:31 PM IST

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