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भीमगढ़ बांध की नहर फूटी,खड़ी फसलों को नुकसान
डिजिटल डेस्क सिवनी। भीमगढ़ बांध की दांयी तट नहर कान्हींवाड़ा के पास मोहगांव में रविवार की सुबह फूट गई। नहर का पानी आसपास के खेतों में भर गया जहां पर खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा है। नहर फूटने की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में किसान मौके पर पहुंच गए। नहर को किसी तरह बंद कराया गया। स्थिति यह रही कि नहर का पानी कई एकड़ में फैल गया। इस मामले को लेकर किसानों ने मुआवजे की मांग कर डाली और अफसरों पर कार्रवाई की मांग की। हालांकि कितना नुकसान हुआ है इसकी जानकारी जांच के बाद ही पता लगेगी।
धीरे धीरे फूटकर बड़ा हिस्सा ढहा
जानकारी के अनुसार फसल सिंचाई के लिए पानी भीमगढ़ बांध से छोड़ा गया है। मोहगांव के पास नहर का छोटा हिस्सा फूट गया। नहर में पानी का बहाव अधिक था ऐसे में नहर की मिट्टी कटते गई और धीरे धीरे बड़ा हिस्सा बह गया। करीब 20 फिट नहर का हिस्सा फूट गया। करीब दो घंटे बाद नहर बंद की गई लेकिन तब तक पानी गांव के आसपास के खेतों में भर गया था।
गेहूं की फसल को अधिक नुकसान
नहर के पानी से गेहूं की खड़ी फसल को नुकसान पहुंचा है। केवलारी क्षेत्र में इस समय अधिकांश किसानों ने गेहूं की बोवनी की है। वर्तमान में गेहूं में बाली आने भी लगी है। किसानों को अनुसार फसल पूरी तरह बिछ गई। कहीं कहीं तो पानी के दबाव में मिट्टी भी कट गई। इससे काफी नुकसान हुआ है। इसके अलावा कहीं कहीं चने की फसल भी खराब हुई है। किसानों का कहना है कि नहर के पान से जो नुकसान हुआ है उसका मुआवजा दिया जाए।
अनदेखी के कारण फूट रही नहर
किसानों का कहना है कि जल संसाधन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही और मेंटेनेंस के नाम पर की जाने वाली खानापूर्ति के चलते यह स्थिति उत्पन्न हुई है। टेल क्षेत्रों के किसानों को पानी नहीं मिल पा रहा था लेकिन संबंधित अधिकारियों द्वारा 10 दिन लेट पानी छोड़ा गया। कान्हीवाड़ा के समीप मैन कैनाल पर 1284 कैन पर गेज बना हुआ है जिससे 90-95 सेंटीमीटर ही पानी छोड़ा जाना सुनिश्चित है लेकिन क्षमता से 3 फिट अधिक पानी छोड़ा जा रहा था।मेंटेनेंस के नाम पर खानापूर्ति करते हुए मेल कैनाल की मेढ़ के पास से ही पोकलैंड मशीन से खुदाई करा नहर की मैढ के ऊपर मिट्टी डलवाई जा रही थी।
हर बार यही हाल
इससे पहले भीमगढ़ बांध की नहर कई बार फूट चुकी है। इधर अधिकारियों का कहना है कि नहर काफी पुरानी है और मिट्टी की है। कई बार खेत के किनारे से अधिक खुदाई होने के कारण नहर कमजोर हो जाती और अधिक पानी के दबाव में फूट जाती है। वहीं किसानों का कहना है कि नहर की मरम्मत कामचलाऊ कर दी जाती है। कमजोर हिस्सों को अच्छी तरह से सुधारना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं किया जाता। मरम्मत के ना पर पैसा निकाल लिया जाता है। नहर बंद होने से क्षेत्र के अन्य किसान सिंचाई से कई दिनों तक वंचित रहेंगे जिससे समय पर पानी ना मिलने से फ सलें सूखने की संभावना जताई जा रही है।
विधायक ने किया निरीक्षण, बोले मिलेगा मुआवजा
नहर फूटने की जानकारी मिलने पर केवलारी विधायक राकेश पाल मोहगंाव पहुंचे। उन्होंने किसानों से कहा कि जो नुकसान हुआ है उसका मुआवजा दिलाया जाएगा। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों से क्षतिग्रस्त नहर का जल्द से जल्द सुधार कार्य कर नहर फिर से शुरु करने की बात कही। विधायक पाल ने किसानों के खेत में घुसे पानी से नष्ट हुई फसलों को लेकर वहां मौजूद सिवनी नायब तहसीलदार निधि शर्मा से किसानों को जल्द से जल्द उचित मुआवजा देने की बात की। उन्होंने किसानों से कहा कि नहर के फूटने से किसान के खेतों में मिट्टी का कटाव हुआ है उसका सुधार कार्य जल संसाधन विभाग द्वारा कराया जाएगा। इस मौके पर रमेश राय,आगा खान,विनोद ठाकुर,अनिल ठाकुर,गुड्डा राजपूत आदि मौजूद रहे।
इनका कहना है
संभावना है कि नहर के हिस्से को जानबूझकर किसी ने तोड़ा है। नहर में पानी निश्चित स्तर से जा रहा था। सुधार कार्य शुरु कर दिया गया है। फिलहाल नहर बंद कर दी गई है।
रामशरण शर्मा, एसडीओ,सिंचाई विभाग
Created On :   20 Feb 2022 7:38 PM IST