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भोपाल गैस कांड : तत्कालीन SP स्वराज पुरी और कलेक्टर मोती सिंह को हाईकोर्ट से राहत

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। हाईकोर्ट ने भोपाल गैस कांड मामले में भोपाल के तत्कालीन एसपी स्वराज पुरी और तत्कालीन कलेक्टर मोती सिंह को राहत दी है। जस्टिस एसके पालो की बेंच ने यूनियन कार्बाइड के चीफ वॉरेन एंडरसन को भगाने के मामले में भोपाल की जिला अदालत में स्वराज पुरी और मोती सिंह के खिलाफ दर्ज आपराधिक प्रकरण निरस्त कर दिया है।
प्रकरण के अनुसार 2 और 3 दिसंबर 1984 की रात भोपाल की यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से मिथाइल आइसो सायनाइट नामक जहरीली गैस का रिसाव हुआ था। इस घटना में 3828 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 18922 लोग गैस से प्रभावित हुए थे। हादसे के बाद यूनियन कार्बाइड का चीफ वॉरेन एंडरसन भोपाल आया था। घटना स्थल का निरीक्षण करने के बाद एंडरसन अमेरिका भाग गया। इसके बाद वह वापस लौट कर नहीं आया।
इस मामले में भोपाल के तत्कालीन एसपी स्वराज पुरी और तत्कालीन कलेक्टर मोती सिंह पर आरोप लगाया गया। दोनों अधिकारियों ने वॉरेन एंडरसन को भोपाल से भागने में मदद की है। इस मामले में भोपाल की जिला अदालत में दोनों अधिकारियों के खिलाफ धारा 212, 217 एवं 221 के तहत परिवाद दर्ज किया गया था। अधिकारियों ने जिला अदालत में दर्ज प्रकरण को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
26 साल बाद मामले में लिया गया संज्ञान
अधिकारियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल खरे और सुरेन्द्र सिंह ने दलील दी कि इस मामले में घटना के 26 साल बाद यानी वर्ष 2010 में संज्ञान लिया गया है। कानूनन घटना के तीन साल के भीतर कार्रवाई की जाना था। यह प्रकरण सिर्फ मैगजीन, मीडिया और किताबों में छपी कहानी के आधार पर दर्ज किया गया है। अधिकारियों के खिलाफ ऐसे कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं किए गए है, जिससे यह साबित हो सके कि यूनियन कार्बाइड के चीफ वॉरेन एंडरसन को भगाने में उनकी भूमिका है। सुनवाई पूरी होने के बाद बेंच ने अधिकारियों के खिलाफ भोपाल की जिला अदालत में दर्ज प्रकरण को निरस्त कर दिया है।
Created On :   1 Aug 2018 7:30 PM IST