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मराठा आरक्षण और राममंदिर को लेकर भाजपा ने उद्धव सरकार को घेरा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेन्द्र फडणवीस ने कहा है कि मराठा आरक्षण की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में जो कुछ हुआ वह चिंता जनक हैं। क्योंकि राज्य सरकार के आश्वासन के चलते फिलहाल मराठा कोटे के तहत नौकरियों में नियुक्ति पर रोक लगी है। हम हर हाल में चाहते हैं कि मराठा आरक्षण सुप्रीम कोर्ट में टिके। लेकिन हमारी इच्छा है कि इससे पिछडे वर्ग के आरक्षण (ओबीसी) पर कोई असर न पड़े। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार को पूरी तैयारी के साथ अगली दो सुनवाई के दौरान आरक्षण के मुद्दे पर मजबूती से अपना पक्ष रखना चाहिए। विपक्ष इस मामले में सरकार को हर संभव सहयोग देने को तैयार है। शिवसंग्राम दल के नेता विनायक मेटे ने कहा है कि मराठा आरक्षण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट जो कुछ हुआ उससे मराठा समाज को तगड़ा झटका लगा है।मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे व मराठा आरक्षण मंत्रिमंडल उपसमिति के अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने तीन दिन पहले कहा था कि सारी तैयारियां हो चुकी है लेकिन आज की सुनवाई से सरकार की पोल खुल गई है और उसका निकम्मापन भी सामने आ गया है। क्योंकि वकीलो तक यहां से सामान्य दस्तावेज भी नहीं पहुँचे। सरकार सिर्फ कह रही है कि वह मराठा समुदाय के साथ है लेकिन हकीकत में सरकार को सिर्फ अपनी कुर्सी बचाने की चिंता है। सांसद संभाजीराजे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई संतोषजनक रही लेकिन मराठा आरक्षण के मुद्दे पर राज्य सरकार को विपक्ष के नेता देवेन्द्र फडणवीस को साथ लेना चाहिए। क्योंकि यह मामला किसी दल का नहीं बल्कि एक समाज का हैं।
सुनवाई संतोषजनकः चव्हाण
मराठा आरक्षण मंत्रिमंडल उपसमिति के अध्यक्ष राज्य के पीडब्लूडी मंत्री अशोक चव्हाण ने सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर संतोष जताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल एडमिशन पर कोई रोक नहीं लगाई है। उन्होंने कहा कि कोर्ट हमारे इस मत से सहमत दिखाई दे रहा है कि इस मामले की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिग से नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 4 मई को ही स्पष्ट कर दिया था कि कोरोना के चलते सरकार भर्ती नहीं करेगी। चव्हाण ने कहा कि कुछ लोग गलत राजनीति कर रहे हैं। याचिकाकर्ता विनोद पाटील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कोई रोक नहीं लगाई है और न ही कोई हस्तक्षेप आवेदन स्वीकार किया है। एडमिशन में भी मराठा आरक्षण पर रोक नहीं लगी है।
राम मंदिर निर्माण को लेकर भाजपा ने शिवसेना पर हमला बोला
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर भाजपा ने शिवसेना पर हमला बोला है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने कहा कि बगैर कुछ किए धरे शिवसेना अब दावा कर रही है कि राम मंदिर के लिए हमनें सबकुछ किया। सोमवार को कोल्हापुर में पत्रकारों से बातचीत में पाटील ने कहा कि अब शिवसेना नेता संजय राऊत कह रहे थे कि उद्धव को अयोध्या जाने के लिए मंदिर भूमिपूजन के निमंत्रण की जरुरत नहीं है पर अब निमंत्रण मिलने पर उद्धव जी मुश्किल में पड़ गए हैं। वे अब अयोध्या जाए या अपने मित्र दलों कांग्रेस-राकांपा को संभाले। क्योंकि भविष्य में शिवसेना को राकांपा के साथ मिलकर अल्पसंख्यकों से वोट मांगना पड़ेगा, उनकी जी हजूरी करनी पड़ेगी। भाजपा नेता ने कहा कि उद्धव के लिए हिंदुत्व से ज्यादा महत्वपूर्ण मुख्यमंत्री की कुर्सी है।
भूमि पूजन वीडियो-कॉन्फ़्रेंसिंग से कराने के सुझाव की आलोचना
उधर दिल्ली में विश्व हिन्दू परिषद ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के श्रीरामजन्मभूमि के लिए भूमि पूजन वीडियो-कॉन्फ़्रेंसिंग से कराने के सुझाव की आलोचना करते हुए कहा है कि यह सुझाव केवल अंध विरोध के तहत दिया गया है और कभी प्रखर हिन्दुत्व की राजनीति करने वाली शिवसेना का यह दयनीय पतन है। विहिप के कार्याध्यक्ष एडवोकेट अलोक कुमार ने कहा है कि भूमि पूजन भवन निर्माण के पहले एक आवश्यक और पवित्र रस्म है। भूमि को खोदने से पहले पृथ्वी मां की पूजा की जाती है, उनसे आशीर्वाद मांगा जाता है और वहां नीव खोदने की अनुमति ली जाती है। यह काम दिल्ली में बैठ कर विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग से नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद् ने हमेशा स्पष्ट किया है कि भूमि पूजन के कार्यक्रम में केवल 200 लोग रहेंगे और सुरक्षा एवं स्वास्थ्य के सारे निर्देशों का पालन किया जायेगा। ऐसी स्थिति में सार्वजानिक स्वास्थ्य के बारे में ठाकरे की चिंता विरोध करने के लिए रचा गया ढोंग मात्र है।
Created On :   27 July 2020 8:25 PM IST