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शरद पवार के मेट्रो सफर से भाजपा नाराज, विधानसभा में दाखिल करेंगे विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के पुणे मेट्रो परियोजना निरीक्षण करने मेट्रो ट्रेन में सवारी करने से भाजपा नाराज हो गई है। भाजपा के स्थानीय विधायक अब पुणे मेट्रो रेल परियोजना से जुड़ी कंपनी के खिलाफ विधानसभा में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव दाखिल करेंगे। दरअसल इस परियोजना का उद्धाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करने वाले थे। लेकिन पवार ने प्रधानमंत्री से पहले सोमवार को पुणे मेट्रो परियोजना के कामों का निरीक्षण करने के दौरान मेट्रो में सफर कर लिया। इससे पुणे और पिंपरी-चिंचवड मनपा चुनाव के ऐन मौके पर राजनीति गरमा गई है। राकांपा और भाजपा के बीच श्रेय की लड़ाई शुरू हो गई है। इसके पहले पवार ने ट्वीट करके कहा कि पुणे मेट्रो परियोजना के तहत पिंपरी चिंचवड से फुगेवाडी मेट्रो मार्ग का काम पूरा हो गया है। मुझे विश्वास है कि पुणेवासियों की यात्रा सुखद और कम समय में पूरा करने वाली मेट्रो जल्द सेवा में शामिल होगी।
वहीं पवार के मेट्रो परियोजना के कामों का मुआयना करने के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने नाराजगी जताई। पाटील ने कहा कि पुणे और पिंपरीचिंचवड के विधायकों और सांसदों को अवगत किए बिना पवार की मौजूदगी में मेट्रो का ट्रायल रन हुआ है। जबकि प्रधानमंत्री पुणे मेट्रो परियोजना का उद्धाटन करने वाले थे। लेकिन कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए प्रधानमंत्री ने फैसला किया कि वे कुछ समय बाद इसके उद्धाटन के लिए आएंगे। लेकिन पुणे मेट्रो परियोजना की कंपनी से सवाल है कि ट्रायल रन में इतनी जल्दबाजी क्यों दिखाई गई? पाटील ने कहा कि ट्रायल रन में केवल पवार को ही क्यों बुलाया गया? यदि प्रशासनिक ट्रायल था तो पवार को बुलाने की जरूरत क्या थी? भाजपा के पुणे के सभी विधायक मेट्रो कंपनी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव दाखिल करेंगे।
केंद्र सरकार ने दिए हैं 8 हजार करोड़
पाटील ने कहा कि पुणे मेट्रो परियोजना 11 हजार करोड़ रुपए की है। इस परियोजना के लिए केंद्र सरकार ने वित्तिय संस्थानों के कर्ज को मिलाकर 8 हजार करोड़ रुपए दिए हैं। जबकि राज्य सरकार और स्थानीय मनपा के सिर्फ 3 हजार रुपए खर्च हुए हैं। पाटील ने आरोप लगाया कि महाविकास आघाड़ी विपक्ष के विधायकों के साथ दुश्मन की तरह बर्ताव कर रही है। भाजपा के विधायकों को राज्य के ग्रामीण विकास विभाग के 25-15 मद की निधि नहीं दी जा रही है।
अमरावती में शिवाजी की प्रतिमा हटाने में महापौर की भूमिका नहीं
अमरावती में अवैध रूप से स्थापित छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को हटाने को लेकर पाटील ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है। पाटील ने कहा कि शिवाजी महाराज की प्रतिमा को हटाने में अमरावती मनपा के महापौर चेतन गांवडे समेत समेत भाजपा पदाधिकारियों की कोई भूमिका नहीं है। मनपा प्रशासन के अधिकारियों ने मिलकर प्रतिमा को हटाया है। पाटील ने कहा कि भाजपा के महापौर गांवडे को अमरावती मनपा के आयुक्त और पुलिस प्रशासन के खिलाफ होने वाले आंदोलन में शामिल होना चाहिए। पाटील ने कहा कि यदि बिना अनुमति के प्रतिमा स्थापित की गई थी तो सभी को विश्वास में लेकर उसको हटाना चाहिए था।
Created On :   17 Jan 2022 6:19 PM IST