शिवसेना की अजान स्पर्धा पर विफरी भाजपा, विवाद के बाद नेता का यूटर्न 

BJP attacked on Shivans Ajan competition, leader turned backed after controversy
शिवसेना की अजान स्पर्धा पर विफरी भाजपा, विवाद के बाद नेता का यूटर्न 
शिवसेना की अजान स्पर्धा पर विफरी भाजपा, विवाद के बाद नेता का यूटर्न 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिवसेना के दक्षिण मुंबई विभाग प्रमुख पांडुरंग सकपाल के मुस्लिम बच्चों के लिए अजान पठन स्पर्धा के आयोजन करने बयान पर राजनीति गरमा गई है। विपक्षी दल भाजपा ने शिवसेना को घेर लिया है। विवाद बढ़ता देख शिवसेना नेता सकपाल ने यूटर्न ले लिया। सोमवार को दैनिक भास्कर से बातचीत में सकपाल ने कहा कि मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। मैं अजान स्पर्धा का आयोजन नहीं कर रहा हूं। मैंने शिवसेना के पदाधिकारी शकील अहमद को अजान स्पर्धा के आयोजन के लिए सुझाव दिया था। इसमें कुछ गलत नहीं है। सकपाल ने कहा कि यदि अजान स्पर्धा का आयोजन होता भी है तो मैं वहां पर नहीं जाऊंगा। जबकि शिवसेना प्रवक्ता तथा प्रदेश के परिवहन मंत्री अनिल परब सकपाल के बयान से अनभिज्ञ नजर आए। परब ने कहा कि मुझे अजान स्पर्धा के आयोजन के बारे में पता नहीं है। मैं जानकारी हासिल करने के बाद कुछ कह सकूंगा। 

बदल रही है शिवसेनाः दरेकर 

दूसरी ओर विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर ने कहा कि सकपाल का बयान शिवसेना का बदला स्वरूप स्पष्ट करने वाला है। दरेकर ने कहा कि सकपाल शिवसेना सांसद संजय राऊत के करीबी हैं। राऊत ने सत्ता टिकाने के लिए हिंदुत्व की तिलांजली दी है। दरेकर ने कहा कि सकपाल ने अपने बयान में शिवसेना प्रमुख दिवंगत बालासाहब ठाकरे का उल्लेख किया है लेकिन बालासाहब ने किसी धर्म की पालखी नहीं उठाई थी। उन्होंने लगातार आलोचना ही की थी। जबकि भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने कहा कि अजान शिवसेना को काफी मिठा लगने लगा है। शिवसेना इतनी धर्मनिरपेक्ष हो गई है कि एमआईएम के सांसद असउद्दीन ओवैसी को शर्म आ जाए। शिवसेना ने भगवा झंडा कंधे से उतार दिया है। अब केवल हरा झंडा कंधे उठाना बाकी है। 

क्या कहा था सकपाल ने 

इससे पहले सकपाल ने एक इंटरव्यू में कहा था कि अजान की अवाज में मिठास होती है। मुझे अजान को बार-बार सुनने का मन करता है। इसलिए मैंने शिवसेना के उपविभाग प्रमुख शकील अहमद को अजान स्पर्धा का आयोजन करने को कहा है। इस स्पर्धा के लिए बच्चों को पुरस्कार दिया जाएगा। पुरस्कार के लिए खर्च का वहन शिवसेना की ओर से किया जाएगा। सकपाल ने कहा कि मैं कब्रिस्तान के पास रहता हूं। मैं प्रतिदिन अजान सुनता हूं। इससे मेरे मन में अजान स्पर्धा का विचार आया। हालांकि मैंने साल 2019 के चुनाव के समय भी शकील को स्पर्धा आयोजित करने को कहा था। हर धर्म ग्रंथ में मानवता की सीख दी गई है। सकपाल ने कहा कि  अजान से किसी को तकलीफ नहीं होनी चाहिए। जिसको तकलीफ होती हैं वे नमक के बराबर हैं। हिंदुओं में जैसे आरती होती है, वैसे ही मुस्लिम धर्म में अजान है। सकपाल ने कहा कि शिवसेना प्रमुख दिवगंत बालासाहब ठाकरे कभी किसी धर्म के खिलाफ नहीं थे। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी सभी धर्म के लोगों को साथ लेकर काम कर रहे हैं। राज्य मंत्रिमंडल में हर धर्म के लोग हैं। हम भाईचारा चाहते हैं।

शिवसेना के बचाव में राकांपा 

अजान स्पर्धा को लेकर भाजपा की ओर से किए जा रहे हमले पर राकांपा ने शिवसेना का बचाव किया है। प्रदेश के अल्पसंख्यक विकास मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि देश में कला और अभिनय को धर्म का चश्मा लगाना उचित नहीं है। अभिनेता दिलीप कुमार, शाहरूख खान, सलमान खान ने फिल्मों में मंदिर में सीन किए हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि उन्होंने धर्म परिवर्तन कर लिया है। मलिक ने कहा कि भाजपा की ओर से शिवसेना का विरोध किया जा रहा है लेकिन सोलापुर समेत कई जगहों पर गीता पाठ में मुस्लिम लड़की ने प्रथम पुरस्कार हासिल किया था।   

Created On :   30 Nov 2020 9:28 PM IST

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