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मुख्यमंत्री के क्षेत्र में सामने नहीं आए भाजपा के इच्छुक उम्मीदवार, विधायक खोपड़े को भी कोई चुनौती नहीं

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा में इच्छुक उम्मीदवारों सें शनिवार को साक्षात्कार लिया गया। शहर की 6 विधानसभा सीटों के लिए इच्छुक उम्मीदवारों से अलग अलग चर्चा की गई। इस दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के निर्वाचन क्षेत्र दक्षिण पश्चिम नागपुर व विधायक कृष्णा खोपड़े के निर्वाचन क्षेत्र पूर्व नागपुर के लिए एक भी दावेदार सामने नहीं आए हैं। अन्य सीटों के लिए दावेदारों ने अपने अपने स्तर पर अपनी दावेदारी बढ़ाने का प्रयास किया है।
रविभवनन में इच्छुक उम्मीदवारों सेे भाजपा के निरीक्षक के तौर पर विधानसभा अध्यक्ष हरिभाऊ बागड़े ने चर्चा की। बागड़े के साथ पूर्व विदर्भ के संगठन मंत्री डॉ.उपेंद्र कोठेकर भी थे। शहर में 6 विधानसभा क्षेत्रों में उत्तर नागपुर, मध्य नागपुर, पूर्व नागपुर, पश्चिम नागपुर, दक्षिण नागपुर व दक्षिण पश्चिम नागपुर हैं। मुख्यमंत्री फडणवीस 4 बार विधानसभा चुनाव जीते हैं। कृषणा खोपड़े दो बार जीते हैं। सबसे अधिक चर्चा उत्तर नागपुर की है। 2014 में इस सीट के लिए 56 दावेदार सामने आए थे। इस बार भी सर्वाधिक दावेदार इसी सीट से है। दावेदारों में विधायक डॉ.मिलिंद माने के अलावा धर्मपाल मेश्राम, रमेश वानखेडे, अशोक मेंढे, मधुसूदन गवई, संंदीप जाधव, महेंद्र धनविजय शामिल है। उत्तर नागपुर सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है।
मध्य नागपुर में दो बार चुनाव जीते विधायक विकास कुंभारे के अलावा 6 से 7 कार्यकर्ताओं ने प्रमुखता से दावा किया है। इस क्षेत्र में हलबा व मुस्लिम समाज के मतदाता अधिक है। पश्चिम नागपुर में भी विधायक सुधाकर कोहले ने दो बार चुनाव जीता है। वे विधानसभा में भाजपा के प्रतोद भी है। पश्चिम नागपुर क्षेत्र में हिंंदी भाषियों की संख्या अधिक होने का हवाला देते हुए दयाशंकर तिवारी, जयप्रकाश गुप्ता, सुनील अग्रवाल जैसे पदाधिकारियों ने भी दावा किया है। दक्षिण नागपुर में विधायक सुधाकर कोहले के साथ ही 6 से अधिक दावेदार प्रमुखता से सामने आए है। कोहले भाजपा के शहर अध्यक्ष भी रहे हैं। इस क्षेत्र में पूर्व विधायक मोहन मते, नगरसेवक रवींद्र भोयर व अन्य पदाधिकारियों ने सीट पर दावा किया है। पूर्व नागपुर में भाजपा के सर्वाधिक नगरसेवक हैं। लोकसभा चुनाव में भाजपा को सबसे अधिक मत इसी क्षेत्र से मिले थे। इस सीट पर विधायक कृष्णा खोपड़े एकमात्र दावेदार है।
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डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।