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चौदहवीं विधानसभा के तीन उपचुनाव में दिवंगत नेताओं के परिजन के खिलाफ चुनाव लड़ चुकी है भाजपा
डिजिटल डेस्क, ,मुंबई, विजय सिंह ‘कौशिक’। अंधेरी पूर्व उपचुनाव से अपने उम्मीदवार का नाम वापस लेने वाली भाजपा इसके लिए महाराष्ट्र की राजनीतिक संस्कृति-परंपरा का हवाला दे रही है। जिसके तहत किसी विधायक के असमय निधन होने पर उसके परिजनों के खिलाफ चुनाव न लड़ कर निर्विरोध चुनाव कराया जाता रहा है लेकिन मौजूदा चौदहवी विधानसभा के तीन विधायकों की कोरोना से हुई मौत के बाद हुए चुनावों में दिवंगत विधायक के परिजनों के चुनाव मैदान में उतरने के बावजूद भाजपा ने उनके खिलाफ उम्मीदवार उतारे थे। तीन चुनावों में से एक चुनाव में जीत भी हासिल की थी।
कोल्हापुर उत्तर सीटसे कांग्रेस विधायक रहे चंद्रकांत जाधव के निधन के बाद इसी साल अप्रैल में हुए उपचुनाव में जाधव की पत्नी जयश्री कदम के खिलाफ भाजपा ने सत्यजीत कदम को उतारा था। हालांकि इस चुनाव में जयश्री को जीत मिली। इसके पहले नांदेड़ की देगलुर सीट से कांग्रेस विधायक रावसाहेब अंतापुरकर के निधन के बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने अपनी सीटिंग सीट से राव साहेब के बेटे जितेश अंतापुरकर को टिकट दिया था। जितेश के खिलाफ भी भाजपा ने सुभाष साबडे को उतारा था। जितेश चुनाव जीतने में सफल रहे थे। राकांपा विधायक भरक भालके के निधन से रिक्त हुए सोलापुर जिले की पंढरपुर-मंगलवेद विधानसभा सीट पर 2021 में हुए उपचुनाव में राकांपा ने भालके के सुपुत्र भागीरथ भालके को उतारा था। भाजपा ने भालके के खिलाफ समाधान आवताडे को उम्मीदवार बनाया और आवताडे चुनाव जीतने में सफल रहे।
Created On :   17 Oct 2022 6:19 PM IST