विधान परिषद चुनाव में भाजपा ने उतारे पांच उम्मीदवार

BJP fielded five candidates in the Legislative Council elections
विधान परिषद चुनाव में भाजपा ने उतारे पांच उम्मीदवार
चार का नामांकन  विधान परिषद चुनाव में भाजपा ने उतारे पांच उम्मीदवार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्यसभा चुनाव के बाद अब महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में सत्तारूढ़ महाविकास आघाड़ी और विपक्षी दल भाजपा के बीच संग्राम छिड़ने के आसार हैं। विधान परिषद की 10 सीटों पर होने वाले चुनाव में भाजपा ने 5 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। जबकि सत्ताधारी शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने 2-2 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। शिवसेना और कांग्रेस ने 2-2 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। जबकि राकांपा ने अभी अपने प्रत्याशियों का ऐलान नहीं किया है। बुधवार को भाजपा उम्मीदवार प्रवीण दरेकर, राम शिंदे, श्रीकांत भारतीय और प्रसाद लाड ने नामांकन दाखिल किया है। जबकि भाजपा उम्मीदवार उमा खापरे पर्चा भरने के आखिरी दिन गुरुवार को नामांकन दाखिल करेंगी। 

भाजपा से पंकजा मुंडे को नहीं मिला मौका  

भाजपा ने विधान परिषद में विपक्ष के नेता दरेकर को दूसरी बार उच्च सदन में भेजने का फैसला किया है। पार्टी ने पूर्व मंत्री शिंदे को प्रत्याशी बनाकर धनगर समाज को साधने की कोशिश की है। शिंदे साल 2019 के विधानसभा चुनाव में हार गए थे। उन्हें अहमदनगर की कर्जत-जामखेड़ सीट से राकांपा के उम्मीदवार रोहित पवार ने हराया था। भाजपा ने पार्टी के प्रदेश महासचिव भारतीय को पहली बार विधान परिषद का टिकट दिया है। भारतीय पूर्व की भाजपा सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) थे। भाजपा की महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष खापरे को उम्मीदवारी देकर महिला को प्रतिनिधित्व दिया है। भाजपा ने पांचवें उम्मीदवार के रूप में पार्टी के उपाध्यक्ष लाड को उम्मीदवारी दी है। विधान परिषद चुनाव में यदि मतदान की नौबत आती है तो लाड को चुनाव जीतने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ेगी। क्योंकि विधानसभा में सदस्यों के संख्याबल के आधार पर भाजपा चार सीट पर आसानी से जीत सकती है। मगर पांचवीं सीट के लिए पार्टी के पास स्पष्ट बहुमत नहीं है। भाजपा के टिकट बंटवारे में पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे को निराश होना पड़ा है। उन्होंने विधान परिषद चुनाव में उम्मीदवारी को लेकर इच्छा जताई थी। 

गुप्त मतदान के भरोसे भाजपा 

विधान परिषद में भाजपा के 6 सदस्यों का कार्यकाल 7 जुलाई महीने में खत्म हो रहा है। लेकिन इस चुनाव में भाजपा ने केवल दो सदस्यों को दूसरी बार टिकट दिया है। भाजपा के उम्मीदवारों का पर्चा दाखिल करने के बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने दावा किया कि महाविकास आघाड़ी के पास बहुमत नहीं है। विधान परिषद चुनाव में गुप्त मतदान होता है। इसलिए हमें भरोसा है कि भाजपा के पांचवें उम्मीदवार भी चुनाव जीत जाएंगे। पाटील ने कहा कि यदि सत्तारूढ़ महाविकास आघाड़ी के पास बहुमत होता तो विधानसभा अध्यक्ष पद का चुनाव हो गया होता। यदि महाविकास आघाड़ी को अपने बहुमत पर विश्वास होता तो विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए गुप्त मतदान के बजाय खुले मतदान कराने के नियम बदला नहीं गया होता। विधान परिषद चुनाव में अतिरिक्त उम्मीदवार देने के सवाल पर पाटील ने कहा कि ताली एक हाथ से नहीं बजती है। भाजपा ने शिवसेना को राज्यसभा चुनाव में एक उम्मीदवार का नामांकन वापस लेने का आग्रह किया था। इसके बदले में भाजपा विधान परिषद की पांचवीं सीट नहीं लड़ने वाली थी। लेकिन शिवसेना ने राज्यसभा चुनाव में अपने एक उम्मीदवार का पर्चा वापस नहीं लिया। इसलिए भाजपा अब विधान परिषद की पांचवीं सीट लड़ने के लिए स्वतंत्र है। इस बीच पाटील ने कहा कि यदि विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस का कोविड टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आती है तो वे गुरुवार को भाजपा उम्मीदवार खापरे का पर्चा दाखिल करते समय मौजूद रहेंगे।  

शिवसेना ने उतारे दो उम्मीदवार 

विधान परिषद चुनाव में शिवसेना ने पूर्व राज्य मंत्री सचिन अहिर और नंदूरबार के जिला प्रमुख आमश्या पाडवी ने पर्चा दाखिल किया है। अहिर साल 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले राकांपा छोड़कर शिवसेना में शामिल हुए थे। यदि अहिर विधान परिषद के लिए निर्वाचित होते हैं तो मुंबई के वरली विधानसभा क्षेत्र से शिवसेना से कुल तीन विधायक हो जाएंगे। प्रदेश के कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे वरली सीट से विधायक हैं। इसके अलावा शिवसेना के विधान परिषद सदस्य सुनील शिंदे भी वरली से विधानसभा सदस्य रहे हैं। उस समय शिवसेना के उम्मीदवार के रूप में प्रदेश के पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे ने वरली सीट से चुनाव लड़ा था। इसलिए अहिर ने अपनी पंरपरागत वरली सीट से चुनाव नहीं लड़ा था। दूसरी ओर शिवसेना ने प्रदेश के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई को उम्मीदवारी नहीं दी है। जबकि शिवसेना के निवर्तमान विधान परिषद सदस्य दिवाकर रावते का भी पत्ता काट दिया है। औरंगाबाद में मंत्री देसाई ने दावा करते हुए कहा कि उन्होंने खुद ही विधान परिषद चुनाव न लड़ने का फैसला किया है। समझा जा रहा है कि देसाई बढ़ती उम्र के चलते चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। कैबिनेट में देसाई सबसे बुजुर्ग मंत्री हैं। देसाई के विधान परिषद सदस्यता का कार्यकाल 7 जुलाई को खत्म हो जाएगा। इसके बाद देसाई अगले छह महीने तक ही मंत्री पद पर रह सकते हैं। यदि वे किसी सदन के सदस्य नहीं बनते हैं तो उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ेगा। 

कांग्रेस से जगताप और हंडोरे

मुंबई मनपा के आगामी चुनाव को देखते हुए कांग्रेस ने महानगर के पार्टी के दो पुराने चेहरों को विधान परिषद का टिकट दिया है। पार्टी ने मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष भाई जगताप और प्रदेश कार्याध्यक्ष चंद्रकांत हंडोरे को उम्मीदवारी दी है। जगताप विधान परिषद के सदस्य रह चुके हैं। जबकि हंडोरे पूर्व की कांग्रेस-राकांपा आघाड़ी सरकार में मंत्री पद की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। 

नाईक-निंबालकर और खडसे को उम्मीदवारी

विधान परिषद के इस चुनाव में राकांपा की ओर से उच्च सदन के सभापति रामराजे नाईक-निंबालकर और पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे की उम्मीदवारी तय मानी जा रही है। इसके पहले राकांपा ने विधान परिषद की राज्यपाल कोटे की सीट के लिए भी खडसे के नाम की सिफारिश की थी। 
इन उम्मीदवारों ने दाखिल किया पर्चा 

भाजपा- प्रवीण दरेकर, राम शिंदे, श्रीकांत भारतीय और प्रसाद लाड़

शिवसेना - सचिन अहिर और आमश्या पाडवी 
 

Created On :   8 Jun 2022 9:16 PM IST

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